चाची ने चूत चुदाई करवा के मर्द बनाया – Part 2
उन्होंने बहुत कोशिश की, लेकिन मैंने मना कर दिया.
उन्होंने बहुत कोशिश की, लेकिन मैंने मना कर दिया.
फैमिली सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि ताई ने मुझसे अपनी वासना पूरी कर ली थी. लेकिन मुझे दोबारा ताई ने अपने करीब नहीं आने दिया. तो मैंने उन्हें कैसे मनाया सेक्स के लिए?
उसके बाद उन्होंने शादी के लिए उनके माता-पिता से बात की वह लोग भी मान गए और फिर जब उन दोनों की शादी हुई तो अजय भैया और सुनैना भाभी की शादी के बाद सब कुछ अच्छा था लेकिन ना जाने कुछ समय से उन दोनों के बीच झगड़े होने शुरू हो गए। उन दोनों के झगड़े की वजह उनका एक दोस्त है भैया को लगता है कि सुनैना भाभी उससे बातें करती हैं लेकिन सुनैना भाभी का नेचर भी ऐसा नहीं है वह बहुत अच्छी है। पता नही भैया के दिमाग में यह बात कहां से बैठ गई उसके बाद से इसी बात को लेकर उन दोनों के बीच काफी बार झगड़े हो जाते हैं। जब भी उनके फोन में उनके दोस्त की कॉल आती है तो वह बहुत ज्यादा गुस्से में हो जाते हैं और अब तो वह छोटी-छोटी बातों पर भी सुनैना भाभी से झगड़े करने लग जाते हैं। इस बात को लेकर मम्मी पापा ने कई बार उन्हें समझाया लेकिन अजय भैया तो कुछ समझने को तैयार ही नहीं है वह हमेशा भाभी के साथ झगड़ते रहते हैं जिससे कि घर में सब लोग परेशान हो चुके हैं। मैंने कमलेश से कहा इस बारे में क्या तुमने कभी सुनैना भाभी से बात नहीं की। कमलेश कहने लगा मैंने तो बात की थी लेकिन अब उन दोनों के बीच में आय दिन इतने झगड़े होते हैं कि उन दोनों को समझाना ही मुश्किल है इसलिए उन्हें घर पर कोई कुछ नहीं कहता और वह दोनों आपस में झगड़ते ही रहते हैं। सुनैना भाभी को मैं अच्छा लगने लगा था और उन्हें मैं कई बार समझाया करता था जब एक दिन सुनैना भाभी ने मेरे फोन पर फोन किया तो उनसे मैने काफी देर तक बात की हम दोनों की बातें काफी देर तक हुई।
Kamukta मुझे फ्लाइट से बेंगलुरु जाना था लेकिन किसी कारणवश मुझे ट्रेन से जाना पड़ा। मुझे ट्रेन के थर्ड एसी में सिटी मिल चुकी थी और थर्ड एसी के लिए भी बडी मेहनत करनी पड़ी लेकिन आखिरकार ट्रेन में टिकट मिली चुकी थी। मैं जब ट्रेन की सीट में बैठी तो कुछ देर मैंने एक लंबी गहरी सांस ली जिसके बाद मैं आराम से बैठी रही। मुझे काफी अच्छा लग रहा था क्योंकि मैं ही जानती हूं कि किस प्रकार से मुझे थर्ड एसी में टिकट मिल पाई थी। मेरे बगल की सीट में एक परिवार बैठा हुआ था वह लोग आपस में बात कर रहे थे लेकिन तभी एक नौजवान युवक आया।
हाय आई एम सिद्धार्थ देल्ही का रहने वाला हूँ मैं 1स टाइम स्टोरी लिख रहा हूँ जो मैने अपनी सुशीला आंटी को चोदा. यह स्टोरी मेरी और मेरी आंटी की है, मेरी आंटी की उमर 35ईयर्स है और उनकी हाइट भी काफ़ी अछी है बड़े बड़े बूब्स और बड़ी बड़ी गॅंड के साथ वो एक कामदेवी से कम नही लगती है. मेरी उमर 23ईयर की है बॉडी अछी है बट कभी मैने अपने लंड का साइज़ मेजर नही किया और ज़रूरत भी नही पड़ी और इतना है जो किसी आंटी भाभी और किसी भी लड़की को सॅटिस्फाइ कर सकता है और कोई भी आंटी भाभी या गर्ल मुझसे सीक्रेट रीलेशन रखना चाहती हो तो मुझे मैल करे [email protected] पर. आपको और ना बोर करते हुए सीधे स्टोरी पर आता हूँ, मेरे घर मे मेरी मा पापा भाई और मेरे अंकल आंटी और उनके बच्चे रहते. मैं घर मे सबसे शर्मिला लड़का हूँ आंटी से बोहोत कम बात करता था मैने कभी आंटी के लिए कभी ग़लत नही सोचा था बट इस पर स्टोरी पढ़ने के बाद और उन्हे एक बार कपड़े चेंज करते हुए देखने के बाद आंटी को मैं ग़लत नज़रो से देखने लगा.
वहाँ जाकर पहले मैं नहाया धोया और करीब 9.30 बजे खाना खाया औऱ सोने की इच्छा हुई तो चाची ने कहा- ऊपर वाले कमरे में जाकर सो जाओ.
मैंने अब तक कभी भी सेक्स नहीं किया था लेकिन हस्तमैथुन जरूर कर लेता था.
रात को दीदी ने मम्मी को बहुत सेक्सी नाइटी दी, खुद भी पहनी, मैं कमरे में चली गयी।
फिर आखिर एक दिन वो मौका आ ही गया. मॉम डैड कोई काम से गांव गए थे और भाई अपने दोस्तों के साथ घूमने और फ़िल्म देखने गए थे. दोपहर के 2 बजे थे, पूरा घर सूना था. सब अपने अपने घर में सोये हुए थे. मैं भी टीवी देख रहा था.
यह एक सच्ची घटना है, जो मेरे साथ पाँच साल पहले घटी थी. जब मेरा पहला सेक्स चाची के साथ हुआ था. इस घटना में मैं आपके साथ अपना वो अनुभव साझा करना चाहता हूँ कि कैसे मेरी चाची ने मुझे चुदाई करना सिखाया और मेरी चढ़ती जवानी को निखार दिया.
हेलो दोस्तों राकेश का हेलो सबको और लड़कियों भाभियों आंटीयो को हमारे उसका भी हेलो आशा करता हूँ जैसा रेस्पॉन्स मेरे पहले की कहनियों आप सभी ने दिया वैसा ही इस कहानी मे भी मिलेगा मेरे हर कहानी मेरी अपनी और सच्ची होती है. सच बताओं आज व्हातसाप पे इतने दोस्त मिले हैं और सबसे ज़्यादा उन भाभियों को जो मुझे कभी अकेला फील नही होने देती हैं . और रियली बहुत खुशी मिलती है जब आप ये कहती हैं मैने आप को खुश कर दिया और आप की बदनामी भी नही किया आई फील हॅपी पहले मैं ये पैसों के लिए करता था पर जब से जॉब लगी है फ्री मे करता हूँ. उन लड़कियों का भी शुक्रिया जो अपने बॉय फ़्रेंड के साथ रहते हुए भी सेक्स का मज़ा लेना चाहती हैं क्यों की मैं फोन कर के परेशान नही करता हयद्राबाद नागपुर की भाभियाँ गर्ल्स और आंटी अगर आप भी जीवन के असली मज़े लेना चाहती हैं मुझे बताइए मैं हर सुख दे सकता हूँ कोई पाबंदी नही और ये सब सिर्फ़ हमारे बीच रहेगा मुझे मैल करे मेसेज करें व्हातसाप पे एड करें मेरा नाम राकेश हैं मैं नागपुर मे रहता हूँ अभी हयद्राबाद मे हू 25 उमर हैं 6 इंच का पप्पू है जिसके कई प्यासी चूत दीवानी हैं मेरी आईडी है ******** और इस कहानी मे आप को मेरा नंबर भी मिल जाएगा या मुझे मैल कर के मेरा नंबर ले सकते हैं
“आह … इस्ससस … बस ना रे … और कितना अन्दर डालेगा? साले मेरी फट गयी ना … हाय साले फाड़ डाली … आज चार साल बाद मिली हूँ … तो चोद दे मनमाफिक.
दोस्तो, मैं कॉलेज में पढ़ती हूँ और मेरा कॉलेज हमारे घर से बहुत दूर शहर के बाहर है, वो इलाका थोड़ा जंगल जैसा है। मैं कॉलेज हमेशा बस से ही जाती हूँ।
आंटी मुझसे पूछने लगीं- क्या तुम जिम जाते हो?
अब तक रात के 12 बज गए थे. मैंने बुआ से बोला- आप सो जाइए, मैं भी थोड़ी देर में सो जाऊंगा.
सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार, मैं आपको मेरी वाईफ से सेक्स की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें किसी भी तरह के झूठ या शक की कोई गुंजाइश ही नहीं है.
मैंने अपने पड़ोस की एक लड़की से दोस्ती की, गर्लफ्रेंड बनायी. उसकी एक सहेली थी शादीशुदा . मेरी गर्लफ्रेंड की सहेली ने कैसे मुझसे अपनी चूत चुदवायी और उसके बाद .
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. दोस्तो मैं 5 सालों से अन्तर्वासना का पाठक हूँ, इस वेबसाइट पर मैंने बहुत कहानियां पढ़ी।
हेलो ऑल रीडर्स.दिस ईज़ माय फर्स्ट स्टोरी सो अगर कोई ग़लती हो जाए तो मुझे माफ़ करना. मैं इस साइट का काफ़ी टाइम से रीडर हूँ, तो सोचा क्यू ना मैं एक इन्सिडेंट शेर करू. यह मेरी लाइफ का सच्चा इन्सिडेंट है. जो की मेरे और मेरी बेहन ज्योति के बीच हुआ.
हेलो फ्रेंड मेरा नाम अलीशा है और मैं पंजाब मे रहती हू मेरी एज 19 है और मेरा रंग बहुत ही सॉफ है बॉडी अभी इतनी अछी नही है तो मैं ज़्यादा टाइम ना लेते हुए स्टोरी पर आती हू ये मेरी पहली स्टोरी है उम्मीद हैं आप सबको पसंद आएगी
अब हम दोनों ही घर पर रह गए थे हम दोनों एक-दूसरे का पूरी तरीके से ख्याल रखा करते जब हेमा को कोई तकलीफ होती तो मैं उसे तुरंत अस्पताल लेकर चला जाया करता था। एक दिन मेरे पुराने मित्र घर पर आए हुए थे और वह हमसे बात कर रहे थे हम लोग अपने जीवन में बीते हुए पुराने दिनों को याद कर रहे थे उनसे बात करना मुझे अच्छा लगा काफी समय बाद मेरी उनसे मुलाकात हो रही थी क्योंकि अब वह भी घर से बाहर नहीं जाते हैं। वह मुझे कहने लगे कि हरीश मैं काफी दिनों से सोच रहा था कि तुमसे मिलने के लिए आऊं लेकिन मैं तुमसे मिलने के लिए आ ही नहीं पाया परंतु आज मैंने फैसला कर लिया था कि मैं तुमसे मिलने घर पर ही जाऊंगा। हम लोग आपस में बात कर रहे थे तभी मेरी पत्नी है आई और कहने लगी आप लोग क्या बात कर रहे हैं हम लोग अपने पुराने दिनों की बात कर रहे थे। वह मुझे कहने लगे आज भी पुराने दीन याद आते है वह चूत मारने के शौकिन थे। उन्होने जब मुझे एक हुस्न से लबरेज लडकी की फोटो दिखाई तो मजा आ गया मैंने पूछा इसका नाम क्या है तो वह कहने लगे इसका नाम कमला है। मैंने उन्हें कहा आप मुझे भी कमला के हुस्न को भोगने का मौका दिलवाइए। वह कहने लगे कैसी बात कर रहे हो यार क्यों नहीं आखिर हमारी इतनी पुरानी दोस्ती जो है मैं अभी कमला को फोन किए देता हूं और उसे कह देता हूं कि वह तुमसे मिलने के लिए आ जाए। तुम बस उसके रूप के अनुसार उसे पैसे दे देना। मैंने कहा क्यों नहीं मैं जरूर उसे पैसे दे दूंगा और मुझे मेरे दोस्त ने कमला का नंबर दे दिया था। मुझे जब कमला का नंबर मिला तो मुझे उससे बात करने में अच्छा लग रहा था काफी दिनों तक तो हम लोग आपस में बात करते रहे लेकिन जब मुझे मौका मिला तो मैंने एक दिन कमला को घर पर बुला लिया।
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अंकित है। यह कहानी मेरी मामा की लड़की है, वो मेरी ममेरी दीदी है। उनकी चुदाई मैंने अपनी आँखों से देखी थी। उस वक़्त मेरी उम्र 20 साल थी और राशिका दीदी की उम्र 24 साल थी। उनकी लंबाई लगभग 5 फ़ीट 7 इंच के आस पास होगी। जिम जाने के कारण फिट थी। उनका बॉडी बहुत आकर्षित करने वाला है। रंग गोरा था। मोटे स्तन का उभार आसानी से दिख जाता था। गान्ड चौड़ी थी। जिम में लड़के राशिका दीदी को बहुत घूरते थे क्योंकि चलते वक़्त उनकी गान्ड थोड़ी हिलती थी। उनका बहुत साल पहले एक बॉयफ्रेंड था। जिससे उनका ब्रेकअप बहुत पहले हो चुका था।
उस दिन क्लास शुरू होते ही प्रिया मेरे पास आई और उसने अपनी नोटबुक में एक सवाल लिखा हुआ था. सवाल समझाते हुए मैंने देखा कि उसने किताब में एक पर्ची मेरे पास छोड़ दी थी.
उन्हें इस बात की खुशी थी की रोहन का रिश्ता हो जाएगा तो शायद रोहन भी अपनी जिम्मेदारियों को समझने लगेगा। मैंने जब मनमोहन जी और अपने मामा की मुलाकात करवाई तो वह लोग आपस में एक दूसरे से बात करने लगे। मामा जी ने रोहन के बारे में उन्हें सब कुछ बता दिया था और कुछ ही दिनों बाद मनमोहन जी ने काजल की मां को भी अपने पास बुला लिया। काजल से मैं पहली बार ही मिला था उसकी तस्वीर देख कर वह बहुत अच्छी लग रही थी और असल में भी वह बहुत सुंदर थी। उसके भाग्य की वजह से शायद उसकी शादी नहीं हो पाई थी परंतु अब मामा जी और काजल की मां के बीच पूरी बातचीत हो चुकी थी जिस वजह से वह काजल की शादी रोहन से करवाने को तैयार हो चुकी थी। मामा जी भी बहुत खुश थे मामा जी ने मुझे कहा कि यह सब तुम्हारी वजह से ही हो पाया है। मैंने मामा जी से कहा ऐसी कोई बात नहीं है मुझे भी रोहन की चिंता रहती है इसीलिए तो मैंने आपको काजल के बारे में बताया फिर काजल और रोहन की शादी बड़े धूमधाम से हुई। काजल और रोहन की शादी के बाद रोहन के चेहरे पर बड़ी मुस्कुराहट रहती। मैंने उससे पूछा तुम बड़े खुश रहते हो? वह मुझे शर्माते हुए कहने लगा भैया पूछिए मत बस मैं ही जान सकता हूं कि मैं कितना खुश हूं। मैंने उसे कहा लेकिन मुझे भी तो बताओ तुम्हारी खुशी का राज क्या है उसने मुझे कुछ नहीं बताया लेकिन मुझे उसकी खुशी का राज उस वक्त पता चला जब मेरे काजल के साथ अंतरंग संबंध बने। काजल और रोहन हमारे घर पर आए हुए थे वह लोग जब हमारे घर पर आए तो मैंने काजल की तरफ अपनी प्यासी नजरों से देखना शुरू किया तो काजल भी मचलने लगी।
मैंने उसे कहा नींद तो आ रही है लेकिन जब राघव ने मुझसे यह बात कही तो उसके बाद जैसे मेरी आंखों से नींद गायब हो चुकी थी। रघाव अपने मोबाइल में गेम खेल रहा था मैं राघव की तरफ देखे जा रही थी परंतु मुझे नींद बिल्कुल भी नहीं आ रही थी। मैं सोचने लगी मै राघव से बात करूं मैंने आखिरकार राघव से बात की तो राघव कहने लगा तुम अभी तक सोई नहीं हो मुझे तो लगा था कि तुम सो चुकी होगी। मैने राघव से कहा मुझे नींद नहीं आ रही है। राघव मुझसे कहने लगा चलो कोई बात नहीं हम दोनों एक दूसरे से बात करते हैं हम दोनों एक दूसरे से धीरे-धीरे बात कर रहे थे तभी राघव ने मुझसे पूछा क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? मैंने उसे कहा नहीं मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है लेकिन हम दोनों तो जैसे एक दूसरे की बातों में इतना खो गए थे कि मेरा मन राघव के साथ सोने का होने लगा। मैंने अपने स्तनों को राघव को दिखाना शुरू किया जिससे कि वह भी अब उत्तेजित होने लगा था। राघव ने अपने लंड को बाहर निकाला और हिलाना शुरू किया। मै राघव की हिम्मत की दाद देती हूं कि वह कितनी हिम्मत से अपने लंड को हिला रहा था। मुझसे अब रहा नहीं गया और हम दोनों ही बाथरूम में चले गए बाथरूम में जाते ही मैंने राघव के मोटा लंड को अपने हाथ में लिया और उसे हिलाना शुरू किया। उसका लंड और भी ज्यादा कड़क होने लगा था मैंने जैसे ही उसके मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो उसे भी मजा आने लगा।