मेरी मकान मालकिन भाभी बहुत सेक्सी थी. वो मुझ पर डोरे डाल रही थी और मैं भी भाभी की चुदाई करना चाहता था लेकिन डरता था. मैंने कैसे भाभी की चुदाई की?
आपने अब तक इस सेक्स कहानी के पहले भाग
भाभी की चुदाई ने गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप कराया-1
में जाना था कि मेरी मकान मालकिन भाभी मेरे साथ सेक्स करने की पूरी कोशिश कर रही थीं. मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में भी भाभी को जानकारी थी, जो उनकी जलन का सबब था.
भाभी खुद मुझे रिझाने लगी थीं और शायद हम दोनों को चुदाई के किसी मौके की तलाश थी.
अब आगे:
शनिवार की सुबह भाभी ने मुझे बताया- तुम्हारे भैया आज रात ही किसी ज़रूरी मीटिंग के सिलसिले में बाहर जा रहे हैं.
मैंने उनकी तरफ देख कर सवालिया अंदाज में देखा, जैसे मैं उनसे जानना चाहता हूँ कि तो मैं क्या करूं.
मेरी नजरों को पढ़ते हुए भाभी ने कहा- तुम दो दिन का खाना मेस से बंद करवा दो, अब से नीचे आकर खा लिया कर लेना.
ये शब्द सुनकर मेरे दिल, दिमाग़ और लंड तीनों में हलचल सी मच गयी. मैंने उनकी आंखों में आंखें डालकर एक कातिलाना स्माइल दी- जी भाभी.
भाभी कहने लगीं- तुमको कोई दिक्कत तो नहीं है ना!
मैंने उनकी आंखों में वासना की हल्की सी लालिमा देखी, तो मैं समझ गया कि आज भाभी कुछ स्पेशल करने के मूड में हैं. अब वो क्या स्पेशल होगा. इसका मुझे पूरा पक्का कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. तब भी उस शाम मैंने एक पॅकेट कंडोम का ले लिया और मन ही मन भाभी की चुदाई के ख्यालों में खो गया.
मैंने भाभी के मन में आज रात की चुदाई का बीज बो दिया था, बस देरी थी तो शुरूआत करने की.
शाम को मैं जब घर आया, तो भैया पहले ही जा चुके थे. अब बात एक कदम आगे बढ़ाने की थी. आते वक़्त मैं बड़ी सी डेरीमिल्क सिल्क भी साथ लाया था. घर में घुसा, तो देखा कि भाभी ने रेड कलर का गहरे गले का नाइट गाउन पहन रखा था और बड़ी कातिलाना लग रही थीं. मेरी पैंट में दबा हुआ हथियार अब हलचल करने लगा था.
उस समय भाभी मेरे लिए केक बना रही थीं. तो मैंने उनके पास जाकर कहा- गुड ईव्निंग भाभी.
भाभी- गुड ईव्निंग किशोर.
मैं- ये लीजिए आपके लिए डेरीमिल्क की सिल्क. आपको पसंद है ना!
भाभी- वाह . आज मेरे लिए चॉकलेट! जाओ फ्रिज में रख दो, बाद में साथ में खाएंगे.
मेरा प्लान तो खुद भी भाभी के साथ ही इसे खाने का था. फिर उन्होंने मुझे फ्रेश होकर आने को कहा. साथ ही कहा कि देर न करना, केक भी ठंडा हो जाएगा.
मैं झट से रूम गया और नहा धोकर नीचे आने लगा. तभी मेरी गर्लफ्रेंड का कॉल आ गया.
आज पहली बार मुझे झुंझलाहट हुई कि साली इसका फोन भी इसी वक़्त आना था. मेरा मन कहने लगा कि तुम गांड मराओ हॉस्टल में. आज तेरा ब्वॉयफ्रेंड अलग ही मज़े लेने वाला है. पर फिर आइडिया आया कि चलो भाभी को थोड़ा और छेड़ता हूँ.
मैंने कॉल उठाया और जान बूझकर भाभी के सामने ही बाबू शोना का रंडी रोना शुरू कर दिया.
इतने में ही भाभी की झांटें सुलग गईं. वो थोड़े गुस्से में मेरे पास आईं, मुझसे फोन लिया और काटकर डाइनिंग टेबल पर फेंक दिया.
भाभी ने अपने गाउन की डोरी खोलते हुए अपना नंगा जिस्म दिखाया और तमतमाते हुए बोलीं- तुम्हें समझ में नहीं आता क्या? मेरी उसमें आग लगी है और साले तुम उस कुतिया से बात कर रहे हो.
मैंने भाभी को इस रूप में देखा, तो मैंने बेलाग होते हुए उनको कमर से पकड़कर अपनी ओर खींचा और अपने होंठों को उनके होंठों से चिपका दिए.
बस फिर क्या था. भाभी बिल्कुल पिघल सी गयीं और उन्होंने गाल पर हाथ रखकर मुझे अच्छे से किस किया.
मैंने भाभी के गालों पर लव बाईट किया और कहा- क्या समझ नहीं आता है मुझे?
भाभी हंस कर बोलीं- कुछ नहीं . अभी तुमने सुना नहीं था क्या?
फिर मैंने उनकी गांड दबा दबा कर उन्हें किस किया. वो भी जैसे पीछे नहीं हटना चाह रही थीं. कुछ ही देर में सारे पर्दे खुल गए और हम दोनों पागलों की तरह किस किए जा रहे थे.
‘उम्म . उम्म . आह . उम्म.’
फिर मैंने उनके गाउन की अधखुली डोरी को पूरा खोला और उसे उतार कर फेंक दिया. हम दोनों में हवस जैसे चरम पर आ गई थी. उन्होंने अन्दर ब्लैक कलर की लाउन्जरी पहन रखी थी. उनके गोरे बदन पर ब्लैक कलर एकदम जंच रहा था. मैंने उनको गांड के सहारे से उठाया और उन्होंने अपने पैर मेरी कमर से लपेट लिए. अब मैं उन्हें हवा में ही उठा कर किस किए जा रहा था.
उम्म्ह . अहह . उम्म्ह .
देवर भाभी के इस रोमांटिक सेशन से कमरे का माहौल काफ़ी गर्म हो चला था. वह भी मेरे बाल पकड़ कर मुझे चूमे जा रही थीं. मैंने उन्हें टेबल पर बिठाया और चूमते चूमते ही उनकी ब्रा का हुक खोल दिया.
और ओह. . माय गॉड. . उनके रसीले मम्मे . हाय . ऐसे मम्मे तो मेरी गर्लफ्रेंड के भी नहीं थे. दूध से गोरे, गोल और एकदम रसीले . और उन पर एक घमंडी ऐंठन लिए पिंक निप्पल मुझे जला रहे थे. मेरा मन कर रहा था कि इन सालों को पूरा चूस लूं.
मैंने थोड़ी देर भाभी की मचलती जवानी के उन उठे हुए निप्पलों को निहारा और भाभी से आज्ञा के लिए ऊपर उन्हें देखा.
भाभी तो जैसे कामवासना में बह चुकी थीं. उनकी आंखें जैसे कह रही थीं कि देर किस बात की . दबाओ इन्हें, चूसो इन्हें.
मैं उनकी आंखों से समझ गया और झपट पड़ा. मैं उनके मम्मों को अपने हाथों में लेकर जोर जोर से चूसने और मसलने लगा.
भाभी के मुँह से मादक दर्द और हवस भरी आहें निकल रही थीं ‘उम्म्ह . आआआ . आह . चूसो इन्हें किशोर . दिन भर अन्दर ही रहते हैं . आह कोई तो चाहिए ना इनका ख्याल रखने के लिए . उम्म्ह . आह.’
अब मेरा लंड इन कामुक सिसकारियों से तन गया था. मेरे बॉक्सर में एक पहाड़ उभर आया था. लंड के उभार देख कर भाभी की आंखें जैसे चमक सी उठी थीं.
भाभी- किशू . लगता है तुम्हारा साथी अपनी भाभी की चुचियां देखकर जाग गया है.
मैं- हां भाभी. . अब ऐसी गर्म भाभी हो सामने तो लंड तो जाग ही जाएगा ना!
भाभी- आंह इधर लाओ . उसे भी थोड़ा सांस लेने दो ना.
उन्होंने मेरा बॉक्सर नीचे किया और अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगीं. इतने में मेरा तना हुआ लंड अब पत्थर हो चला.
भाभी- आंह कितना बड़ा और गर्म है तुम्हारा हथियार . लगता है भाभी को ठंडा कर ही देगा.
मैं- बिल्कुल कर लेगा भाभी . बस आप देखती जाओ.
हम फिर से चिपक कर एक दूसरे को चूमने लगे. मेरा लंड अब उनकी चूत से रगड़ खा रहा था. भाभी अब और गर्म और बेकाबू हुई जा रही थीं.
भाभी- कितना इंतज़ार करवाया मुझे इस दिन के लिए . उम्म . उम्म्ह . आज तो खा ही जाऊंगी तुम्हें . उम्म्ह .
मैं- अच्छा . दिखाओ फिर, मुझे कैसे खाओगी?
भाभी ने मुझे कामवासना से देखा और नीचे लंड को निहारने लगीं.
उनकी नजर लंड पर गई, तो मैंने ऊपर से अपने दोनों हाथों की दो दो उंगलियों में दबा कर उनके दोनों निप्पलों को मींजना शुरू कर दिए.
इश्ह्ह .
चूचियों के निप्पल मसले जाने से उनकी कामुक सिसक और तेज़ हो गयी.