मीनाक्षी ने उस वक्त मेरा बहुत साथ दिया और मुझे उस समय एहसास हुआ कि मीनाक्षी ही मेरा साथ दे सकती है और एक दिन मैंने मीनाक्षी से कहा मैं तुमसे मिलने के लिए आ रहा हूं। मीनाक्षी मुझे कहने लगी तुम मुझसे मिलकर क्या करोगे लेकिन मैंने तो जैसे ठान ली थी कि मैं मीनाक्षी से मिलकर ही रहूंगा और मैं मीनाक्षी से मिलने के लिए उसके गांव चला गया। उसका गांव राजस्थान में है उसका गांव जयपुर से कुछ ही दूरी पर है, मैं जब उसके गांव में पहुंचा तो वहां पर रहने की कोई व्यवस्था नहीं थी इसलिए मीनाक्षी ने मुझे अपने घर पर ही रुकवा दिया। मीनाक्षी ने यह कहकर मुझे रुकवाया की यह मेरा दोस्त है और कुछ काम के सिलसिले में यहां आया हुआ है लेकिन मेरा तो कोई काम नहीं था मैं सिर्फ मीनाक्षी से ही मिलने के लिए वहां गया हुआ था। मैं जब मीनाक्षी से मिला तो मुझे बहुत खुशी हुई मैंने मीनाक्षी से कहा मै तुमसे मिलना चाहता था और मुझे तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा मीनाक्षी ने मुझे कहा मैं कुछ दिनों बाद दिल्ली आऊंगी तो तुमसे मुलाकात करूंगी। मैं अब दिल्ली वापस लौट आया और मैं मीनाक्षी का इंतजार करने लगा लेकिन मीनाक्षी दिल्ली आई ही नहीं मैंने उसे कहा तुम दिल्ली कब आओगी वह कहने लगी बस मैं जल्दी ही दिल्ली आने वाली हूं। कुछ दिनों बाद मीनाक्षी दिल्ली आ गई मुझे बहुत खुशी हुई मैं इतना खुश था कि मैंने मीनाक्षी को गले लगा लिया। मुझे समझ नहीं आया था कि महिमा ने ऐसा मेरे साथ क्यों किया लेकिन मैं अब मीनाक्षी के साथ अपना रिलेशन चलाना चाहता था। मैंने मीनाक्षी से अपने दिल की बात भी कह दी वह तो मुझे पहले से ही चाहती थी तो भला वह मुझे कैसे मना कर सकती थी। मीनाक्षी ने मुझे हां कह दिया था और उसका साथ मुझे मिल चुका था वह कुछ दिनों तक दिल्ली में ही रुकने वाली थी।
एक दिन घर पर कोई नहीं था तो मैंने मीनाक्षी को घर पर बुला लिया जब वह मुझसे मिलने के लिए आई तो हम दोनो एक दूसरे से बात करते रहे। हम दोनों ने एक साथ मूवी भी देखी लेकिन जब हम दोनों मूवी देख रहे थे तो उसी दौरान मेरा हाथ मीनाक्षी की जांघ पर पड़ा और उसकी जांघ को मैंने सहलाना शुरू किया। मैं उसकी जांघ को सहलाता तो उसे भी मजा आता मैंने अपनी उंगली को उसकी योनि पर लगा दिया वह मचलने लगी। मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं गया मैंने उसकी सलवार को खोलते हुए उसकी योनि को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया वह भी अपने आप पर बिल्कुल काबू ना रख सकी। कुछ देर तक मैं उसकी योनि को चाटता रहा जब मैंने अपने लंड को उसके मुंह में डाला तो वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर अच्छे से चूसने लगी। उसे बड़ा मजा आता और मेरे अंदर भी जोश बढ़ता ही जा रहा था जैसे ही मैंने अपने लंड को मीनाक्षी की योनि के अंदर डाला तो वह चिल्लाने लगी उसे बड़ा दर्द महसूस होने लगा और उसे बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही थी।
मुझे उसे धक्के देने में एक अलग ही मजा आता मैं काफी देर तक उसे धक्के देता रहा, उन धक्को के साथ ही उसके अंदर का जोश बढ़ता जा रहा था। मैंने जब मीनाक्षी की योनि की तरफ नजर मारी तो उसकी योनि से खून निकल रहा था मेरी उत्तेजना और भी ज्यादा बढ़ चुकी थी मैंने उसके स्तनों को चूसना शुरू किया। जब मैं मीनाक्षी के स्तनों को चूसता तो उसके शरीर से कुछ ज्यादा ही गर्मी बाहर की तरफ निकलती वह अपने आप पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पाई और वह झड गई। उसने मुझे अपने पैरों के बीच में जकड़ लिया मैंने तब भी उसकी योनि के अंदर बाहर अपने लंड को करना जारी रखा और मैं उसे तेजी से धक्के देता रहा। मेरे धक्के काफी तेज थे मीनाक्षी की योनि पूरी तरीके से छिल चुकी थी और मेरा लंड भी पूरी तरीके से छिल चुका था लेकिन हम दोनों को ही एक दूसरे के साथ संभोग करने में बड़ा मजा आया। हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी देर तक संभोग का आनंद लेते रहे जब मेरा वीर्य मीनाक्षी की योनि में जा गिरा तो हम दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और एक दूसरे के साथ काफी समय तक हम दोनों बैठे रहे। मीनाक्षी अब गांव जा चुकी है लेकिन उसकी मुझसे बात होती रहती है।