लंड दिखा कर भाभी की चूत चुदाई
मैं एक छोटे से फ्लैट में रहता था. एक दिन मैं बालकनी में सिर्फ चड्डी में खड़ा था कि बगल वाली छत पर एक भाभी मुझे देख रही थी. उसके बाद मैंने क्या किया?
मैं एक छोटे से फ्लैट में रहता था. एक दिन मैं बालकनी में सिर्फ चड्डी में खड़ा था कि बगल वाली छत पर एक भाभी मुझे देख रही थी. उसके बाद मैंने क्या किया?
दोस्तो, मेरा नाम अगम है (बदला हुआ नाम). मैं 12 वीं क्लास में पढ़ता हूँ. मेरा एक दोस्त है, उसका नाम हर्ष है. उसकी एक बहन है, जो ग्रेजुयेशन कर रही है. उसका नाम विया है ये भी बदला हुआ नाम है.
फेसबुक पर एक आदमी से बात करके मैं उसके घर गया. वो बुड्ढा था पर मेरी गांड में खुजली हो रही थी तो मैंने उसी से गांड मरवाने की सोची. बदले में मुझे क्या मिला?
ये बात हमसे खुद विनय ने बताई | फिर एक दिन जब भैया कहीं बाहर गए थे विनय ने अपने भाभी को खूब चोदा विनय की भाभी तो उससे पट ही गई थी तो विनय अपनी भाभी को रोज चोदता था | ये बात विनय के भैया को पता नहीं थी | लेकिन एक दिन विनय के भैया काम से जल्दी घर आ गये तो उन्होंने विनय को अपनी पत्नी के साथ किस करते हुए पकड़ लिया | उसके बाद उसके भैया ने भी उसे खूब मारा और घर से बाहर निकाल दिया | फिर विनय अलग रहने लगा | उसके बाद विनय अपनी कम्पनी की मुरमुरे पैक करने वाली भौजी को लाइन मारने लगा और सबसे कहने लगा कि अब इस भौजी को पटा के चोदना है | और ये रोज उस भौजी को लाइन मारता था लेकिन इस बार कुछ नहीं हो रहा था तो विनय ने आ के हम लोग से बताया कि यार ये भौजी तो भाव ही नहीं दे रही है | मेरी तरफ देखती भी नहीं है | मैं उसे कितना देखता हूँ और सीटी भी मारता हूँ तब भी नहीं देखती है |
मैंने भाभी से वैसे ही झूठ कह दिया जबकि मैं अपने ब्वॉय फ्रेंड से कई बार चुदवा चुकी थी.
Chut chudai ki khani married ladki ki. फेसबुक पर एक लड़की से दोस्ती हुई. जब मैं उससे मिला तो वो शादीशुदा थी. उस लड़की की चूत चुदाई की कहानी का मजा लें.
पापा ने मम्मी को राजी कर लिया और हमारे पास कॉल कर दिया. 5 मिनट बाद मैं घर पहुंचा. उनके रूम में मैं सीधे पहुंच गया. मम्मी हमारी वाली पोज की तरह ही पापा के ऊपर बैठ कर चूत चटवा रही थी.
antarvasna, kamukta मेरे देवर को मैं कॉलेज समय से ही जानती थी क्योंकि मेरा देवर मेरे कॉलेज में मेरा जूनियर था हम दोनों की मुलाकात उस समय ही हो गई थी। जब मुझे सतीश का रिश्ता आया तो मैंने सतीश को पहली नजर में ही पसंद कर लिया था क्योंकि वह दिखने में बहुत ही हैंडसम और अच्छे थे, मेरे देवर का नाम राजेश है और वह भी व्यवहार के बहुत अच्छे हैं। मेरे शादीशुदा जीवन में पिछले दो वर्षों से कोई भी तकलीफ नहीं थी लेकिन जब से राजेश की शादी की बात हुई है तब से मेरे जीवन में धीरे-धीरे बदलाव आने लगा था, राजेश ने एक लड़की को पसंद कर लिया था उसका नाम कंचन है। एक दिन मैं घर का काम कर रही थी तभी राजेश मेरे पास आया और कहने लगा भाभी मैं आपको कुछ बताना चाहता हूं, मैंने राजेश है कहा हां राजेश कहो आपको क्या कहना है? वह मुझे कहने लगे भाभी मैंने अपने लिए एक लड़की पसंद कर ली है और मैं सबसे पहले आपको यह बात बता रहा हूं।
पर इतने में मैंने अपने होंठ उसकी गुलाबी चूत की पंखुड़ियों पर रख दिए. मैं उसकी चूत के दाने को जोर जोर से चाटने लगा और बीच बीच में दांत से हल्के से काट भी लिया. जिससे उसकी आआहह निकल जाती.
antarvasna, hindi sex story घर में बहुत ही खुशी का माहौल था क्योंकि मेरे भैया की सगाई हो चुकी थी और सब लोग घर में बहुत खुश थे मेरे पापा मम्मी तो हमारे पूरे मोहल्ले में मिठाई बांट रहे थे और सब को बड़े ही खुशी से कह रहे थे कि हमारे बड़े लड़के कमलेश की सगाई हो चुकी है। हमारे पूरे मोहल्ले को यह बात पता चल चुकी थी और मैं भी बहुत खुश था कमलेश भैया तो इतने ज्यादा खुश थे की उन्होंने घर में अपने दोस्तों को बुलाया था और उन्हें पार्टी भी दी, जब उन्होंने उन्हें पार्टी दी तो वह बड़े ही खुश थे उन लोगो की उस दिन छत में बैठकर पार्टी चल रही थी, मैं भी बहुत खुश था। कुछ दिनों बाद मेरी यह खुशी उतर गई जब मैंने अपनी होने वाली भाभी शोभिता को एक लड़के के साथ देख लिया लेकिन उस वक्त मुझे लगा कि शायद वह उनका कोई दोस्त होगा या फिर कोई परिचित होगा मैंने इस बारे में जानने की कोशिश की और पूरा एक दिन उनके पीछे मैं घूमता रहा।
आज मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो मैंने अपनी आंखों से देखा था. यह कहानी आज से दो महीने पहले की है, तब मैं अपने घर आया था. इससे पहले कि मैं अपनी कहानी शुरू करूं, मैं आपको अपनी कजन यानि चचेरी बहन और उस वृद्ध का परिचय करा दूँ.
दोस्तो, मेरा नाम देवेन्द्र नायक है, मैं बुरहानपुर मध्य प्रदेश का रहने वाला हूं. मैं बी काम के पहले साल में पढ़ रहा हूं. जब से जवानी की झलक मेरे जीवन में आई, उसी समय से मुझे सेक्स को लेकर बड़ा मजा आता रहा है.
एक पार्टी में नशे के कारण मुझे घर छोड़ने कंपनी का एक अफ्रीकी क्लाइंट आया. मेरी सेक्सी बीवी देख उसने सेक्स की खुली ऑफर कर दी. मेरी बीवी की खुल्लम खुल्ला चुदाई का मजा लें.
इसके लिए मैंने मोहन से मिलने की बात कही तो रूपा तैयार हो गई और मैंने मोहन से कहा देखो मोहन मुझे तुमसे कोई भी परेशानी नहीं है लेकिन मैं चाहता हूं कि रूपा पहले अपनी जिंदगी में कुछ कर ले वह अपने पैरों पर खड़ी हो जाए उसके बाद तुम दोनों शादी कर लो मुझे तुम्हारे रिश्ते से कोई आपत्ति नहीं है। मोहन कहने लगा बाबूजी रूपा आपको बहुत ज्यादा मानती है और आपका बहुत सम्मान करती है इसलिए पहले वह कुछ कर ले उसके बाद हम लोग अपने रिश्ते के बारे में सोचेंगे। यह कहते हुए मोहन घर से चला गया जब मोहन चला गया तो उसके बाद रूपा मुझे कहने लगी बाबू जी आप मुझसे कितना प्यार करते हैं मैंने सब सुन लिया था। वह मेंरे गले लग कर के कहने लगी मैं आपको छोड़कर कभी नहीं जाऊंगी मेरी आंखों में आंसू आ चुके थे और मुझे इस बात का अंदाजा लग चुका था कि वह दोनों एक दूसरे से कितना प्यार करते हैं। मैं भी उन दोनों के रिश्ते के बीच में नहीं आना चाहता था रूपा भी पूरी मेहनत करने लगी और उसकी बीएड की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी उसके बाद उसका सिलेक्शन एक अच्छे स्कूल में हो गया। रूपा इस बात से बहुत खुश थी और कुछ ही समय बाद मैंने मोहन के साथ रूपा की शादी कर दी मुझे कभी अकेलापन सा महसूस होता था लेकिन रूपा को तो जान ही था। मैं दिन रात सिर्फ इसी चिंता में लगा रहता की जब रूपा की शादी हो जाएगी तो उसके बाद मैं कैसे अपना जीवन अकेले व्यतीत करूगा शायद मेरी किस्मत में हमारे पड़ोस में रहने वाली कल्पना भाभी थी। वह मुझे तिरछी निगाहों से देखती रहती थी एक दिन मैंने उन्हें अपने पास बुलाया तो हम दोनो ने काफी देर तक बात की उनके पति का देहांत हो चुका था वह भी अकेलेपन से जूझ रही थी। मैं उनकी पीड़ा को समझ सकता था वह मेरी पीड़ा को समझ सकती थी हम दोनों एक दूसरे से जब भी बात करते तो बहुत अच्छा लगता।
कुछ देर तक ऐसा ही खेल खेलने के बाद भाभी ने कहा- जनाब, अकेले ही नंगे पड़े रह कर मजा लेते रहोगे या किसी और की तरफ भी ध्यान दोगे?
सच में मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था. दस मिनट बाद मेरी चुत में कुछ अनुभव सा हुआ, मैंने सोचा कि शायद बॉस ने अन्दर ही पेशाब कर दिया है.
मैंने ओके कहा और अपने काम में जुट गया. मैं मेरा लंड उनकी चूत के ऊपर रगड़ रहा था. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मुझसे रहा न गया, मैंने चाची की ब्रा और पैंटी भी निकाल फेंकी. मैं अपना लंड उनकी चूत की फांकों में घिसते हुए उनके दूध चूस रहा था. चाची भी आनन्द के मारे सिसकारियां भर रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
सही मौका देख कर मैं भी निशा के पास पहुंच गया. शायद उसको भी पूरा यकीन था कि मैं जरूर आऊंगा. उसके करीब काफी जगह थी. मैं जाकर उसकी कमर के पास बैठ गया. मैंने देखा कि उसकी साड़ी घुटने तक ऊपर उठ गयी थी.
मेरे बेटे की शादी में पड़ोस के घर से चार लोग आये और 101 का शगुन दे गये. मेरी झांटें सुलग गईं. इसका बदला लेने का जो तरीका मैंने सोचा, वो था उसकी बीवी की चूत को चोदना.
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम. मैं लम्बे समय से अन्तर्वासना का पाठक हूँ और मैंने इस साइट पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं. कहानियों को पढ़कर मैंने खूब आनंद लिया है. इसलिए सोचा कि क्यों न मैं भी आपको अपने जीवन की एक ऐसी ही घटना से रूबरू करवाऊं. आज जो मैं कहानी आप लोगों को बताने जा रहा हूँ वह मेरे जीवन की पहली चुदाई की घटना है. मैं आशा करता हूं कि यह कहानी आप सभी को पसंद आएगी. अंतर्वासना की दुनिया एक ऐसी दुनिया है कि यहां बूढ़े भी अपना मनोरंजन कर सकते हैं. तो चलिए फिर हम अपनी कहानी की शुरूआत करते हैं.
फिर उन्होंने अपने लंड को कोमल की गांड पर सटा कर एक जोर के झटका मारा और कोमल के मुख से एक जोर की आवाज निकली ‘आआह्हह … माँआआ …’
antarvasna, hindi sex story मैं एक बड़ा ही आलसी व्यक्ति हूं मुझे कोई भी काम करना बिल्कुल पसंद नहीं है इसी वजह से मेरी तबीयत खराब हो गई और मुझे डॉक्टर ने कहा कि आप सुबह शाम टहलने के लिए जाइये तभी आप ठीक हो पाएंगे, मेरी दवाइयां भी चल रही थी और अब मैं सुबह के वक्त टहलने जाने लगा, जब मैं सुबह टहलने जाता था तो उस वक्त मुझे एक लड़की हमेशा दिखाई देती थी मैं अपने घर के पास ही पार्क में जाया करता था वह भी हर सुबह वहां आया करती थी। मैं अकेला ही जाया करता था और मैं जब टहलने जाया करता था तो उस लड़की की नजरें सिर्फ मुझे ही देख रही होती थी मुझे ऐसा लगता कि जैसे वह मुझसे बात करना चाहती है लेकिन मैंने भी उससे कभी बात नहीं की, कुछ दिनों बाद मेरी तबीयत दोबारा से खराब हो गई और मैं कुछ दिनों तक सुबह जोगिंग पर नहीं गया मैं घर पर ही आराम कर रहा था मेरा काम मेरा भाई ही संभालता था, वह मुझसे छोटा है लेकिन उसकी शादी हो चुकी है, मैंने अभी तक शादी नहीं की है क्योंकि पहले मैं एक लड़की से प्रेम करता था परंतु उसकी शादी कहीं और हो गई उसके बाद से मैंने कभी किसी लड़की के बारे में नहीं सोचा और कुछ दिनों तक मैं घर पर ही था।
मेरी इस माँ बेटा सेक्स स्टोरीज़ में पढ़ें कि मैं मां को गोवा ले गया जहां मैंने कई बार मां को चोदा. मां ने वहां पर होटल के वेटर से लेकर विदेशी तक को नहीं छोड़ा.
मेरी बीवी दस मिनट तक मेरे ऊपर ही पड़ी रही. फिर उठकर उसने से मेरे बाल पकड़ लिये और मेरे होंठ अपने होंठों में लेकर बेताहाशा चूसने लगी.
उसके बाद वो मेरी ओर घूम गयी. ताई की चूत मेरी आंखों के सामने थी जिस पर बहुत बड़े बड़े बाल थे. नंगी चूत देख कर मेरा लौड़ा बेकाबू होने लगा. फिर मैं उनके बदन पर साबुन मलने लगा. उनकी चूचियों पर, उनके पेट पर साबुन लगाने के बाद मैं उनकी चूत के आसपास साबुन लगाने लगा.