दो सहेलियां
अदिति की जुबानी मैं आपके सामने अपनी 34-28-36 की फिगर का एक नायाब धमाका एक ऐसी स्टोरी के माध्यम से करने जा रही हूँ जो आपकी पेंट को गीला कर देगा।
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भाभी बोली- देखूँ कि बड़ों जैसे काम करने वाले का कितना बड़ा हो गया है.
मेरा नाम मोंटू है. फेसबुक पर सब मुझे आशीष के नाम से भी जानते हैं. मेरी उम्र 19 साल की है. यह मेरी पहली गांड की चुदाई सेक्स स्टोरी है, जो मैं आज आप सभी के साथ साझा कर रहा हूँ.
फिर उन्होंने अपने लंड को कोमल की गांड पर सटा कर एक जोर के झटका मारा और कोमल के मुख से एक जोर की आवाज निकली ‘आआह्हह … माँआआ …’
Kamukta मुझे फ्लाइट से बेंगलुरु जाना था लेकिन किसी कारणवश मुझे ट्रेन से जाना पड़ा। मुझे ट्रेन के थर्ड एसी में सिटी मिल चुकी थी और थर्ड एसी के लिए भी बडी मेहनत करनी पड़ी लेकिन आखिरकार ट्रेन में टिकट मिली चुकी थी। मैं जब ट्रेन की सीट में बैठी तो कुछ देर मैंने एक लंबी गहरी सांस ली जिसके बाद मैं आराम से बैठी रही। मुझे काफी अच्छा लग रहा था क्योंकि मैं ही जानती हूं कि किस प्रकार से मुझे थर्ड एसी में टिकट मिल पाई थी। मेरे बगल की सीट में एक परिवार बैठा हुआ था वह लोग आपस में बात कर रहे थे लेकिन तभी एक नौजवान युवक आया।
कुछ देर तक ऐसा ही खेल खेलने के बाद भाभी ने कहा- जनाब, अकेले ही नंगे पड़े रह कर मजा लेते रहोगे या किसी और की तरफ भी ध्यान दोगे?
मैंने अपने पड़ोस की एक लड़की से दोस्ती की, गर्लफ्रेंड बनायी. उसकी एक सहेली थी शादीशुदा . मेरी गर्लफ्रेंड की सहेली ने कैसे मुझसे अपनी चूत चुदवायी और उसके बाद .
मेरी चूत में झुरझुरी सी उठने लगी थी. चाचा ने मेरी चूत को अपने हाथ से सहला दिया. मेरी चूत फूली हुई सी लग रही थी. मेरी चूत पर हल्के से झांट भी थे. मेरी चूत को सहलाने के बाद चाचा ने मेरी चूत में उंगली डाल दी और दो उंगलियों को डाल कर अंदर-बाहर करने लगे.
फिर लवली ने अपने सारे कपड़े उतार दिये और पापा के लंड को मुंह में भर लिया. इतने में मैं भी पास में पहुंच गया. पापा ने अपने चेहरे को नीचे कर लिया.
पास जाकर मैंने उनको उठाया और उनको सारी बात बताई. मैंने उनसे कहा कि जल्दी से चुदाई शुरू कर दो.
मेरे स्कूल की एक सेक्सी टीचर प्रिंसीपल से सेट थी, चुदाई करवाती थी. मैं भी उस टीचर की चूत मारना चाहता था. मुझे पहले मैडम की गांड मारने का मौक़ा मिला. कैसे?
जैसा कि मैंने मेरी कहानी में बताया था कि अंशिका स्वाति की सबसे अच्छी दोस्त थी और हम पहली बार स्वाति के बर्थडे वाले दिन मिले थे। और उसके बाद मैं जब भी स्वाति से मिलने जाता तो ज्यादातर अंशिका उसके साथ ही होती थी। क्योंकि स्वाति की वजह से मैं अंशिका से कई बार मिल चुका था तो हम दोनों भी अच्छे दोस्त बन गए थे और हमने भी एक दूसरे के साथ नम्बर एक्सचेंज कर लिए थे और कभी कभी हमारी बातें भी हो जाया करती थी। कभी कभी जब मेरी और स्वाति की थोड़ी बहुत कहा सुनी हो जाती तो अंशिका ही हम दोनों की सुलह करवाती। स्वाति अंशिका को अपनी सगी बहन से भी ज्यादा मानती थी और अपनी सारी बातें उससे शेयर करती थी।
बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे. साना नंगी थी. उसके बदन को देख कर मैं पागल सा हो गया. उसके 36 के चूचे नंगे होने के बाद और भी ज्यादा मस्त लग रहे थे.
ताऊ ने बुआ की टांगों को अपने हाथों से थोड़ा और फैलाया और फिर तेज-तेज जोश भरे धक्के लगाने लगे. मैं हैरान था कि ताऊ जी इस उम्र में भी एक जवान प्यासी चूत की प्यास इतने अच्छे तरीके से बुझा रहे हैं. अगर मैं ताऊ की जगह होता तो कब का झड़ गया होता.
ससुराल में सास और बीवी की चुदाई के बाद भी मेरी चालू बीवी की चूत की प्यास शांत होने का नाम ही नहीं ले रही थी. मुझे उसके लिये एक नये लंड की तलाश करनी थी तो .
जब वह सुनीता के साथ रहने लगे तो पिताजी इस बात से बहुत दुखी हुए उन्हें इस बात का बहुत गहरा सदमा लगा जिससे कि उनकी तबीयत पर भी असर पड़ने लगा उनका स्वास्थ्य भी खराब रहने लगा था। वह काफी बीमार भी रहने लगे मैंने उनकी काफी देखभाल की रोहित मुझे मानसिक रुप से हमेशा ही सपोर्ट किया करता और कहता तुम हार मत मानो सब कुछ ठीक हो जाएगा। रोहित के इतने कहने से मुझे भी एक ताकत मिलती और पिताजी की तबीयत में भी सुधार होने लगा था। भैया तो घर से जा चुके थे हमारे परिवार में सिर्फ 3 लोग ही रह गए थे मम्मी भी इस बात से काफी दुखी रहती थी लेकिन मम्मी अपने दुख को किसी के सामने बयां नहीं कर पाती थी लेकिन वह ना चाहते हुए भी कभी ना कभी कह ही देती थी मोहन ने बहुत गलत किया। मेरे और रोहित के बीच सब कुछ ठीक था हम दोनों एक दूसरे से बात किया करते लेकिन मेरे पिताजी अब तक हम दोनों के रिश्ते को मान नहीं पाए थे उन्होंने अपनी स्वीकार्यता हमें नहीं दी थी। हम दोनों को रिलेशन को काफी समय हो चुका था एक दिन रोहित ने मुझसे मिलने की इच्छा जाहिर की। हम लोग अक्सर मिला करते थे लेकिन उस दिन ना जाने हम दोनों के दिल मे ऐसा क्या चल रहा था जिससे कि मेरे और रोहित के में उत्सुकता पैदा होने लगी। मैं रोहित के प्रति खिची चली गई रोहित को मैं अपना तन बदन सौंपना चाहती थी। उस दिन हम दोनों ने साथ में जाने का फैसला किया रोहित और मैं कार से रोहित के घर गए। जब हम लोग रोहित के घर पहुंचे तो वहां पर उसकी मम्मी बैठी हुई थी उसकी मम्मी को हम दोनों से कोई आपत्ति नहीं थी।
“वैसे तो हमारे पास सेक्स टॉयज् हैं, फिर भी आपके ओरिजनल लंड की जरुरत पड़ी तो आपका लंड यूज करेंगे.” गीता ने मजाक में कहा।
एक पार्टी में नशे के कारण मुझे घर छोड़ने कंपनी का एक अफ्रीकी क्लाइंट आया. मेरी सेक्सी बीवी देख उसने सेक्स की खुली ऑफर कर दी. मेरी बीवी की खुल्लम खुल्ला चुदाई का मजा लें.
अब मैं उठा और मैंने रूम के बाहर जाकर देखा, बाहर कोई नहीं था. मैंने रूम को अन्दर से लॉक कर दिया. फिर उसके पास जाकर उसके कपड़े उतारने लगा. वो मना करने जैसे इशारा भी किये जा रही थी और अपने हाथ उठा कर अपने कपड़े भी उतरवाती जा रही थी. मैंने उसका टॉप लोअर उतार दिया. अन्दर उसने रेड कलर की ब्रा और पिंक कॉलर की पेंटी पहन रखी थी. मैंने भी झट से अपने लोअर और टी-शर्ट को उतार दिया.
मैं उसे समझाता और हमेशा कहता कि इसमें मैंने क्या गलत किया है तुम यदि मेरे साथ अच्छी तरीके से बर्ताव करोगी तो क्या मैं तुम्हारे साथ अच्छे से बात नहीं करूंगा लेकिन कोमल को तो अपनी आदत से बिल्कुल बाज नहीं आना था और वह मुझसे हमेशा ही झगड़ा करती रहती थी। मेरे ऑफिस में काम करने वाली लड़की से मेरी नजदीकियां बढ़ने लगी थी और मैं ज्यादातर समय उसी के साथ बिताया करता था। मैं कोमल को बहुत कम मिला करता था लेकिन कोमल को इस बात से बहुत तकलीफ होती थी कि मैं उससे बात नहीं किया करता हूं। मैंने भी सोच लिया था कि जब तक वह अपनी आदतों को नहीं बदलेगी तब तक मैं भी उससे कोई रिलेशन नहीं रखूंगा और हम दोनों का रिश्ता पूरी तरीके से खत्म हो चुका था। कोमल को अब यह समझ आ चुका था कि मैं नहीं चाहता कि वह मेरे साथ रिलेशन में रहे इसीलिए उसने भी अपने आप को शायद इस बात के लिए तैयार कर लिया था। कोमल मुझसे बहुत कम मिला करती थी लेकिन अभी वह दिल्ली में ही जॉब कर रही थी मेरी उससे एक महीने बाद मुलाकात हुई और जब मैं कोमल से मिला तो कोमल ने मुझसे ज्यादा बात नहीं की मुझे लगा कि कोमल अब बदल चुकी है। मैंने कोमल को कहा कि हम दोनों लंच पर चले हम दोनों लंच पर गए तो कोमल ने मुझ से बहुत कम बात की मुझे इस बात की खुशी थी कि अब कम से कम कोमल का व्यवहार बदल चुका है। उस दिन हम लोगों ने साथ में लंच किया मुझे नहीं मालूम था कि कोमल वाकई में बदल चुकी है और उसे अपनी गलती का एहसास हो चुका है। मैंने कोमल से कहा मुझे इस बात की खुशी है कि तुम बदल चुकी हो कोमल मुझे कहने लगी तुमने मुझे कभी अच्छे से समय दिया ही नहीं है।
पढ़ाई करने के लिए मैं शहर गयी तो मौसी के घर रही. से हुई. मौसा के कम्प्यूटर से पता चला कि वो सेक्स के पारंगत विद्वान हैं. मेरी उफनती जवानी में परेशान कर रही चूत ने ठान लिया कि चूत का उद्घाटन होगा तो मौसा के लंड से ही. मौसा को मैंने कैसे अपने जाल में फांसा?
मैंने उसे कहा नहीं तो तुम्हें यह किसने कहा वह मुझे कहने लगी सर मैंने आपके लैपटॉप में अपनी फोटो देखी और मुझे पता चला कि आप मुझे प्यार करते हैं लेकिन आप ने कभी भी अपने दिल की बात मुझसे नहीं कहीं। मैंने मधु से कहा मैं तुमसे प्यार करता था लेकिन जब मुझे पता चला कि तुम किसी और से ही प्रेम करती हो तो मैंने अपने दिल से तुम्हारा ख्याल निकाल दिया और मैंने उसके बाद कभी भी तुम्हारे बारे में नहीं सोचा। मधु मुझे कहने लगी यदि आपने मुझे पहले यह बता दिया होता तो शायद यह सब नहीं होता आपके जैसा लड़का मुझे मिल पाना शायद मुश्किल होगा कभी भी आपके जैसा लड़का मुझे अपने जीवन में नहीं मिल पाएगा यदि आप के साथ मेरी शादी होगी तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा। मुझे नहीं मालूम था कि मधु मुझे इतना पसंद करती है मैं अपने दिल में सिर्फ इसी डर से उससे कह नहीं पाया कि मुझे लगा कि कहीं उसे बुरा लगेगा इसलिए मैंने उसे आजतक अपने दिल की बात नहीं कही थी लेकिन जब उसने यह बात कही तो मैं खुश हो गया और मेरे चेहरे पर वह मुस्कान दुबारा से आ गई जो पहले थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिताया करते मुझे उसके साथ में समय बिताना अच्छा लगता था। मधु के पिताजी ने उसके लिए लड़का देख लिया था लेकिन मधु मुझसे प्यार करने लगी थी और हम दोनों का प्यार परवान चढ़ चुका था।
ये बात हमसे खुद विनय ने बताई | फिर एक दिन जब भैया कहीं बाहर गए थे विनय ने अपने भाभी को खूब चोदा विनय की भाभी तो उससे पट ही गई थी तो विनय अपनी भाभी को रोज चोदता था | ये बात विनय के भैया को पता नहीं थी | लेकिन एक दिन विनय के भैया काम से जल्दी घर आ गये तो उन्होंने विनय को अपनी पत्नी के साथ किस करते हुए पकड़ लिया | उसके बाद उसके भैया ने भी उसे खूब मारा और घर से बाहर निकाल दिया | फिर विनय अलग रहने लगा | उसके बाद विनय अपनी कम्पनी की मुरमुरे पैक करने वाली भौजी को लाइन मारने लगा और सबसे कहने लगा कि अब इस भौजी को पटा के चोदना है | और ये रोज उस भौजी को लाइन मारता था लेकिन इस बार कुछ नहीं हो रहा था तो विनय ने आ के हम लोग से बताया कि यार ये भौजी तो भाव ही नहीं दे रही है | मेरी तरफ देखती भी नहीं है | मैं उसे कितना देखता हूँ और सीटी भी मारता हूँ तब भी नहीं देखती है |