मैं कॉलेज में था और मेरे पास कोई चूत नहीं थी चोदने को. तभी कॉलोनी की एक भाभी ने उनके बेटे बच्चे को ट्यूशन पढ़ाने को कहा. मैंने उस भाभी की चूत को पहली बार की चोदा?
लेखक की पिछली कहानी
मामीजी को खेत में चोदा
सभी कुंवारी चूत की कलियों, मदमस्त माल चूत की भाभियों और मस्त गदरायी आंटियों, फौलादी लंड के सभी मित्रों को मेरा प्रणाम।
मेरा नाम रोहित है। मैं 28 साल का हूं। मैं जयपुर का रहने वाला हूं। मेरा लंड 8 इंच लंबा है और बहुत ज्यादा मोटा है जो किसी भी भाभी और आंटी की चूत की बखिया उधेड़ सकता है और कुंवारी चूत की चटनी बना सकता है। अगर कोई भी भाभी या आंटी एक बार चुद जाए तो फिर वो मेरा लन्ड खाए बिना नहीं रह सकती है।
मित्रो, मुझे शादीशुदा औरतें ज्यादा पसंद हैं क्योंकि जो मज़ा किसी भी भाभी और आंटी की चूत चोदने में आता है वो मज़ा कुंवारी चूत चोदने में कभी नहीं आता है। भाभियों और आंटियों का जिस्म पूरा भरा हुआ रहता है, इनके बोबों में भरपूर माल होता है जिससे उरोजों को चूसने में बहुत मज़ा आता है। मुझे तो भाभियों और आंटियों के बोबों को चूसने में बहुत मज़ा आता है।
भाभियों और आंटियों को चूत भी बहुत शानदार और रोटी की तरह फूली हुई होती है जिसे चोदने में दिल बाग बाग हो जाता है।
मित्रो, अब मैं आप सभी को ज्यादा बोर नहीं करते हुए सीधे कहानी पर आता हूं।
बात उस समय की है जब मैं कॉलेज में था। मेरे पास कोई काम नहीं था। नई नई जवानी थी। मुझे चूत की तलाश थी। मुझे चूत मांगने में बहुत डर लगता था इसलिए मुझे कोई चूत नहीं मिली थी।
पर मेरा लन्ड तो चूत चोदने के लिए बेकरार था। हमारे आस पास रहने वाली कुछ आंटियों और भाभियों को मैंने चूत के लिए पटाने की कोशिश की पर कोई भी आंटी और भाभी मुझे चूत देने के लिए तैयार नहीं हुई।
समय धीरे धीरे निकलता जा रहा था पर अभी भी मेरे लन्ड को चूत नहीं मिली थी। तभी मुझे हमारी कॉलोनी में थोड़ी दूर रहने वाली निशा भाभी के बच्चे आर्यन को पढ़ाने का ऑफर आया। मैं आर्यन को पढ़ाने के लिए तैयार हो गया।
निशा भाभी एकदम मस्त माल है। निशा भाभी के बोबे 32″ के, कमर 30″ की और गान्ड 32 की है। निशा भाभी 32 साल की है। निशा भाभी के एक ही बच्चा है। भाभी चोदने के लिए एकदम कड़क और शानदार माल है।
निशा भाभी के साथ अजय भैया और उनका बच्चा रहता है। अजय भैया ऑफिस में जॉब करते हैं। वो सुबह जाते हैं और रात को घर आते हैं।
मैं पहले दिन निशा भाभी के घर गया। उस समय निशा भाभी ने साड़ी पहन रखी थी। जिसमें निशा भाभी कमाल की लग रही थी।
मैंने पहले दिन आर्यन को पढ़ाया। भाभी भी मेरे पास आकर बैठ गई और आर्यन के बारे में बताने लगी।
उस समय मेरी नजर भाभी के बोबों पर थी जो भाभी के ब्लाउज में कैद थे। दिल तो कर रहा था अभी के अभी भाभी को पकड़कर इनके मस्त बोबों को मसल दूँ।
खैर ये मेरा पहला दिन था और मैं बहुत खुश था कि मैं निशा भाभी के इतने करीब था।
धीरे धीरे समय बीत रहा था। अब मैंने सोच लिया था कोशिश तो करनी ही पड़ेगी नहीं तो मैं निशा भाभी को कभी नहीं चोद पाऊंगा। अगर भाभी की मस्त चूत को चोदना है और निशा भाभी के कामुक बदन का मज़ा लेना है तो हिम्मत करनी ही पड़ेगी।
जब भी निशा भाभी मेरे आस पास होती तो मैं भाभी को घूर घूर कर देखता था। कभी कभी तो निशा भाभी और मेरी नजर मिल जाती थी। शायद अब तो भाभी भी जान चुकी थी कि मैं उनकी चूत लेना चाहता हूं।
एक दिन जब मैं आर्यन को पढ़ा रहा था तो भाभी नहाकर मेरे पास आकर बैठ गई। जब वो मेरे पास बैठी तो उनके बदन से शानदार खुशबू आ रही थी। दिल तो कर रहा था भाभी को यहीं पकड़कर चोद दूँ।
मेरा लन्ड तो बहुत ज्यादा कड़क हो रहा था। बड़ी मुश्किल से मैं मेरे लन्ड को सम्हाल रहा था. पर मेरा लन्ड तो निशा भाभी की चूत में जाने के लिए बेकरार था।
फिर थोड़ी देर बाद अपनी रूम मैं चली गई।
उस रात मैंने कई बार भाभी के नाम की मुठ मारी।
दोस्तो निशा भाभी है ही गजब की माल। उनकी मस्त गान्ड जब वो चलती है तो साड़ी में उनकी गांड खूब मटकती है। और भाभी के बोबों का तो कहना ही क्या! भाभी के बोबे बहुत कसे हुए और बड़े बड़े है। निशा भाभी ने अभी तक बोबों को अच्छी तरह से सम्हाल कर रखा है।
अब मेरे दिल और दिमाग में निशा भाभी को चोदने का भूत सवार हो गया था। मैं अब किसी भी हाल में भाभी को चोदना चाहता था।
एक दिन जब मैं आर्यन को पढ़ा रहा था तो उस समय मैं टॉयलेट में गया। जब मैं टॉयलेट में जा रहा था तो उस समय भाभी नहाकर बाथरूम से बाहर निकल रही थी।
भाभी के बाल पूरे गीले थे। निशा भाभी ने उस समय साड़ी पहन रखी थी। साड़ी भी पूरी गीली हो चुकी थी। जिसमें से निशा भाभी के बोबों की साइज साफ साफ नजर आ रही थी और उनकी मस्त गान्ड का उभर तो कयामत ही ढा रहा था।
मेरी नजर तो भाभी के बदन हट ही नहीं रही थी।
भाभी और मेरी नजर एक साथ टकराई। मेरा लन्ड मेरी पैंट में तम्बू बना चुका था जिसे निशा भाभी ने भी भांप लिया था। वो समझ चुकी थी कि मुझे क्या चाहिए।
थोड़ी देर बाद भाभी ने कहा- क्या हुआ?
तब में होश में आया, मैंने कहा- मैं टॉयलेट जा रहा था।
फिर मैंने हिम्मत करके कहा- भाभी, आप बहुत हॉट हो।
भाभी चुप हो गई। भाभी ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप रूम में चली गई।
मैं वहां खड़ा खड़ा निशा भाभी की मटकटी हुई गान्ड को देख रहा था। क्या मस्त गान्ड थी भाभी की। मेरा लन्ड बेकाबू हो रहा था। मेरा लन्ड तो भाभी की गांड में घुसना चाहता था। दिल तो कर रहा था अभी के अभी निशा भाभी को पकड़कर इनकी पलंगतोड़ चुदाई करूं।
पर मैंने सोचा अभी सही मौके का इंतजार करते हैं।
खैर अब निशा भाभी जान चुकी थी कि मैं उनकी चूत चोदना चाहता हूं।
फिर एक दिन जब मैं आर्यन को पढ़ा रहा था तो निशा भाभी मेरे लिए चाय लेकर आई और मेरे पास आकर बैठकर चाय पीने लगी।
अब मैंने थोड़ी हिम्मत की और निशा भाभी के पास सरककर बैठ गया। मैं धीरे धीरे निशा भाभी पर मेरे शरीर का दबाव बनाने लगा। और धीरे से मैंने मेरा हाथ निशा भाभी की गांड पर रख दिया।
भाभी ने कुछ नहीं कहा और बात करती रही।
अब मैंने थोड़ी हिम्मत और करके मेरा हाथ निशा भाभी की पीठ पर फिराने लगा। भाभी चुप थी पर थोड़ी देर बाद हाथ पीछे ले जाकर मेरे हाथ को हटाने लगी।
पर मैंने मेरा हाथ नहीं हटाया।
अब मैं चालाकी से मेरा हाथ भाभी की गांड के नीचे घुसाने लगा। भाभी की गांड बहुत शानदार और मस्त थी। कसम से मुझे तो भाभी की गांड को छूने में बहुत मज़ा आ रहा था।
पर भाभी कहाँ मान रही थी; निशा भाभी बार बार मेरे हाथ को गांड की नीचे से निकालने की कोशिश कर रही थी।
और मैं बार बार निशा भाभी की गांड में उंगलियां कर रहा था।