पुलिस वाली रंडी बन कर चुदी – Part 2
अलीज़ा फिर से रोशन लाल का लंड हिलाने लगी. कोई 5 मिनट में फिर से रोशन लाल का लौड़ा खड़ा हो चुका.
अलीज़ा फिर से रोशन लाल का लंड हिलाने लगी. कोई 5 मिनट में फिर से रोशन लाल का लौड़ा खड़ा हो चुका.
बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे. साना नंगी थी. उसके बदन को देख कर मैं पागल सा हो गया. उसके 36 के चूचे नंगे होने के बाद और भी ज्यादा मस्त लग रहे थे.
मेरी दर्द से आह निकल गई. फिर वो हल्के हल्के मेरी चूत में धक्के मारने लगा. उसका लंड मेरी चूत की दीवारों से रगड़ता हुआ जा रहा था. उसके हर एक धक्के में मेरी आह की आवाज निकल जाती थी. जब उसका लंड मेरी चूत में एडजस्ट हो गया, तब उसने धक्के तेज कर दिए. इस पोज़ में उसने मुझे 5 मिनट चोदा और मेरी चूचियों को चूस चूस कर लाल कर दिया.
शाम को हम कभी कभी फिल्म या नेट्फ्लिक्स देख लिया करते थे. एक ही सोफे पर बैठकर बातें किया करते थे.
कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था… तो उन्होंने मेरे लंड से हटते हुए मेरे लंड को मुँह में लिया और ज़ोर जोर से चूसने लगीं. मैं भाभी के मुँह में ही झड़ गया.
दोपहर का एक बज चुका था, सौरभ ने मालिश कराने की इच्छा जताई, मालविका भी तैयार हो गयी। सोनाली उन लोगों से घुली मिली थी तो उसने सौरभ के कपड़े खुद उतार दिए। सौरभ सिर्फ चड्डी में लेटा हुआ था, बाकी हम तीनों ने अपने कपड़े खुद उतारे।
उस शाम मुस्कान को शाम को एक पार्टी में जाना था. इसलिए वो पार्लर गयी थी. मैं और शिशिर हम दोनों लोग खुश थे कि मेरी सहेली शाम को पार्टी में जाएगी और मैं मेरे पति के सोने के बाद अपनी सहेली के पति से सेक्स करूंगी.
मैंने भाभी से वैसे ही झूठ कह दिया जबकि मैं अपने ब्वॉय फ्रेंड से कई बार चुदवा चुकी थी.
चयन बोला- ऐसा नहीं है … शायद तुम्हें पता नहीं है, लेकिन लड़के की गांड ज्यादा मज़ा देती है. चलो मैं तुम्हें बताता हूं.
मैंने फट से गिलास नीचे रखा और उसके करीब होते हुए उसके कंधे को सहलाते हुए बोला- मैं सच में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ अदिति.
कॉलेज लाइफ में खूब लंड लिये. कॉलेज के बाद लंड नहीं मिला. मेरी सहेली ने सगे भाई बहन का सेक्स सुझाया. मैंने क्या किया? भाई बहन की चुदाई की कहानी में पढ़ें.
सच में मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था. दस मिनट बाद मेरी चुत में कुछ अनुभव सा हुआ, मैंने सोचा कि शायद बॉस ने अन्दर ही पेशाब कर दिया है.
पट्टी बंधी आंखों में उसके चेहरे का सबसे कामुक भाग उसके होंठ थे जो चाटने के बाद कमरे की रोशनी में चमक रहे थे। मैं उसके दाईं तरफ के गाल पर किस करते हुए उसके कान से होते हुए नीचे गर्दन पर पंहुचा। मौसम ठंडा था और कमरे में ए.सी. भी चल रहा था, फिर भी उसकी गर्दन पर पसीने की कुछ बूंदें थीं। ये बूंदें उसके गोरे बदन पर मोती की तरह चमक रही थी। मैंने इन मोतियों को चूमा और उसकी बाँहों के नीचे आ गया.
मैं उसे समझाता और हमेशा कहता कि इसमें मैंने क्या गलत किया है तुम यदि मेरे साथ अच्छी तरीके से बर्ताव करोगी तो क्या मैं तुम्हारे साथ अच्छे से बात नहीं करूंगा लेकिन कोमल को तो अपनी आदत से बिल्कुल बाज नहीं आना था और वह मुझसे हमेशा ही झगड़ा करती रहती थी। मेरे ऑफिस में काम करने वाली लड़की से मेरी नजदीकियां बढ़ने लगी थी और मैं ज्यादातर समय उसी के साथ बिताया करता था। मैं कोमल को बहुत कम मिला करता था लेकिन कोमल को इस बात से बहुत तकलीफ होती थी कि मैं उससे बात नहीं किया करता हूं। मैंने भी सोच लिया था कि जब तक वह अपनी आदतों को नहीं बदलेगी तब तक मैं भी उससे कोई रिलेशन नहीं रखूंगा और हम दोनों का रिश्ता पूरी तरीके से खत्म हो चुका था। कोमल को अब यह समझ आ चुका था कि मैं नहीं चाहता कि वह मेरे साथ रिलेशन में रहे इसीलिए उसने भी अपने आप को शायद इस बात के लिए तैयार कर लिया था। कोमल मुझसे बहुत कम मिला करती थी लेकिन अभी वह दिल्ली में ही जॉब कर रही थी मेरी उससे एक महीने बाद मुलाकात हुई और जब मैं कोमल से मिला तो कोमल ने मुझसे ज्यादा बात नहीं की मुझे लगा कि कोमल अब बदल चुकी है। मैंने कोमल को कहा कि हम दोनों लंच पर चले हम दोनों लंच पर गए तो कोमल ने मुझ से बहुत कम बात की मुझे इस बात की खुशी थी कि अब कम से कम कोमल का व्यवहार बदल चुका है। उस दिन हम लोगों ने साथ में लंच किया मुझे नहीं मालूम था कि कोमल वाकई में बदल चुकी है और उसे अपनी गलती का एहसास हो चुका है। मैंने कोमल से कहा मुझे इस बात की खुशी है कि तुम बदल चुकी हो कोमल मुझे कहने लगी तुमने मुझे कभी अच्छे से समय दिया ही नहीं है।
सबसे पहले आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार. मेरा नाम लकी है. मैं हरियाणा के सोनीपत जिला के एक गांव का रहने वाला हूँ. मैं एक मिडिल क्लास परिवार से हूँ. मेरी लम्बाई 5 फुट 10 इंच है. अच्छी सूरत और अच्छी कद काठी है. मेरे लंड की लम्बाई 6.2 इंच है. मैं हिंदी में सेक्स स्टोरी पहली बार लिख रहा हूँ. कोई गलती हो तो माफ़ कर देना.
मैंने उसे कहा नींद तो आ रही है लेकिन जब राघव ने मुझसे यह बात कही तो उसके बाद जैसे मेरी आंखों से नींद गायब हो चुकी थी। रघाव अपने मोबाइल में गेम खेल रहा था मैं राघव की तरफ देखे जा रही थी परंतु मुझे नींद बिल्कुल भी नहीं आ रही थी। मैं सोचने लगी मै राघव से बात करूं मैंने आखिरकार राघव से बात की तो राघव कहने लगा तुम अभी तक सोई नहीं हो मुझे तो लगा था कि तुम सो चुकी होगी। मैने राघव से कहा मुझे नींद नहीं आ रही है। राघव मुझसे कहने लगा चलो कोई बात नहीं हम दोनों एक दूसरे से बात करते हैं हम दोनों एक दूसरे से धीरे-धीरे बात कर रहे थे तभी राघव ने मुझसे पूछा क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? मैंने उसे कहा नहीं मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है लेकिन हम दोनों तो जैसे एक दूसरे की बातों में इतना खो गए थे कि मेरा मन राघव के साथ सोने का होने लगा। मैंने अपने स्तनों को राघव को दिखाना शुरू किया जिससे कि वह भी अब उत्तेजित होने लगा था। राघव ने अपने लंड को बाहर निकाला और हिलाना शुरू किया। मै राघव की हिम्मत की दाद देती हूं कि वह कितनी हिम्मत से अपने लंड को हिला रहा था। मुझसे अब रहा नहीं गया और हम दोनों ही बाथरूम में चले गए बाथरूम में जाते ही मैंने राघव के मोटा लंड को अपने हाथ में लिया और उसे हिलाना शुरू किया। उसका लंड और भी ज्यादा कड़क होने लगा था मैंने जैसे ही उसके मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो उसे भी मजा आने लगा।
antarvasna, kamukta मैं जब 5 वर्षों बाद अपने दोस्त संतोष से मिला तो उसकी स्थिति पूरी तरीके से बदल चुकी थी, अब वह पहले वाला संतोष नहीं था उसके पास एक बड़ी सी गाड़ी थी और उसका एक बड़ा सा बंगला था, मेरे तो समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर कार संतोष के हाथ इतने पैसे कहां से लग गए। उसने जब मुझे अपने घर पर इनवाइट किया तो मैं अपनी पत्नी के साथ उसके घर पर गया, मैं जब अपनी पत्नी के साथ उसके घर पर गया तो मेरी पत्नी मेरे कान में कहने लगी कि आपके दोस्तों बहुत ही रईस है, मैंने उससे उस वक्त कुछ भी नहीं कहा और उससे कहा कि हम लोग इस बारे में बाद में बात करेंगे। जब मैंने संतोष से इस बारे में पूछा तो संतोष कहने लगा बस यह सब मेरी पत्नी रोशनी की वजह से ही संभव हो पाया है उसने मेरा बहुत साथ दिया है इसीलिए तो आज मैं इस मुकाम पर खड़ा हूं लेकिन मुझे उसकी तरक्की से खुशी नहीं थी क्योंकि वह हमारे क्लास में सबसे नालायक किस्म का लड़का था परन्तु जब उसकी इस सफलता को मैंने देखा तो मैं सिर्फ उसे देख ही सकता था मेरे पास तो एक सरकारी नौकरी थी जिसमें कि मुझे हर महीने एक फिक्स तनख्वाह मिल जाया करती जिससे कि मैं अपना घर चलाता था लेकिन मुझे संतोष को देखकर बहुत अजीब सा लग रहा था।
तभी अनामिका शायद जग गई। उसने अपनी बांहों में मुझे जकड़ लिया और बोली- कहाँ थे अब तक? मैंने तुम्हारा कितना इंतज़ार किया।
मैंने ओके कहा और अपने काम में जुट गया. मैं मेरा लंड उनकी चूत के ऊपर रगड़ रहा था. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मुझसे रहा न गया, मैंने चाची की ब्रा और पैंटी भी निकाल फेंकी. मैं अपना लंड उनकी चूत की फांकों में घिसते हुए उनके दूध चूस रहा था. चाची भी आनन्द के मारे सिसकारियां भर रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
ऑफिस से छूटते ही मैंने कैब ले ली और घर आ पहुंची. मैंने किसी से लिफ्ट नहीं ली थी … क्योंकि मास्टर का आदेश था. एक घंटे पहले उसका मैसेज आया था.
अपना अण्डरवियर उतारकर मैंने अपने लण्ड पर हाथ फेरा और ढेर सी क्रीम लण्ड पर चुपड़ कर मैं रेखा की टांगों के बीच आ गया. रेखा की मांसल जांघें और ताजा ताजा शेव की गई डबलरोटी जैसी चूत मुझे आमंत्रित कर रहे थे. चूदाई का भरपूर मजा लेने के लिए मैंने रेखा के चूतड़ों के नीचे एक तकिया रखा. रेखा की चूत के होंठ फैला कर मैंने अपने लण्ड का सुपारा रखा और पूरा लण्ड एक ही बार में पेल दिया.
मेरा नाम मोंटू है. फेसबुक पर सब मुझे आशीष के नाम से भी जानते हैं. मेरी उम्र 19 साल की है. यह मेरी पहली गांड की चुदाई सेक्स स्टोरी है, जो मैं आज आप सभी के साथ साझा कर रहा हूँ.
गुंजन मुझे कहने लगी मैं समझ सकती हूं कि तुम मुझसे कितना प्रेम करते हो लेकिन मैं अपने घर वालों के खिलाफ जाकर कोई भी कदम नहीं उठा सकती, मैंने गुंजन से कहा तुम इस बारे में एक बार अपने दिल से सोच कर देखना, गुंजन ने भी कहा ठीक है मैं इस बारे में सोचूंगी। मैं भी उसके पीछे हमेशा जाया करता था धीरे-धीरे गुंजन का नजरिया मेरे लिए बदलने लगा और हम दोनों एक दूसरे के नजदीक आते चले गए लेकिन अभी हमारे बीच में ऐसा कुछ भी नहीं था हम लोग सिर्फ एक अच्छे दोस्त थे। हम दोनों साथ में ही कॉलेज से घर जाया करते थे। मैं एक दिन गुंजन के गांव में ही उतर गया और उसके साथ साथ पैदल चलने लगा रोड से उसके गांव की दूरी 2 किलोमीटर थी। हम दोनों पैदल ही चल रहे थे मैंने गुंजन के हाथ को पकड़ लिया। मैंने जब उसके होठों को चूमा तो मुझे ऐसा लगा जैसे कि मैं जन्नत में चला गया मैंने पहली बार किसी लड़की को किस किया था। उस दिन हम दोनों के बीच जैसे सेक्स को लेकर एक एग्रीमेंट हो चुका था मैंने अपनी सेक्स की पहली नीव रख दी थी। उस दिन मैं सिर्फ गुंजन के साथ स्मूच कर पाया लेकिन उसके बाद तो हम दोनों के बीच यह अक्सर होने लगा। मेरा उसे चोदने का मन होने लगा था एक दिन मैं उसके गांव के पास ही उतर गया हम दोनों साथ में उतरे। मैंने उसे कहा आज मुझे तुम्हें चोदना है वह मुझे कहने लगे यह संभव नहीं है मैं जिससे शादी करूंगी उसी के साथ में सेक्स करूंगी। मैंने उसके स्तनों और उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया।