इन दोनों ने मुझे पकड़ कर दूसरे रूम में बंद कर दिया और बोले कि अब जो होना था वो तो हो गया है अब चिल्लाने से कोई फायदा नहीं है. उन्होंने उसके बाद मेरे सामने इन दोनों की चुदाई की वीडियो लगा दी. मैं चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती थी. इसके पापा ने मुझे चोदना भी छोड़ दिया था.
अब वो मेरे सामने ही लवली को चोदने लगे थे. मैं भी फिर गुस्से में आ गयी और मैंने दूसरे लड़के के साथ चुदवाने लगी. ये वही लड़का था जिसको आपने उस दिन मेरे साथ रात में देखा था. इसके पापा को उस लड़के के बारे में पता लग गया और उसने लड़के धमकी देकर भगा दिया कि अब के बाद आया तो तेरी बीवी को सब कुछ बता दूंगा. फिर उस लड़के ने भी आना छोड़ दिया.
ऐसे ही करते करते एक दिन इन बाप-बेटी ने मुझे मना लिया. लवली मुझे पकड़ कर मेरी चूचियों को दबाने लगी और इसके पापा भी मेरी चूत को चाटने लगे. मैं भी कुछ नहीं बोली क्योंकि अब तो सब कुछ खुल गया था.
उसके बाद से हम तीनों लोग एक साथ मिलकर चुदाई करने लगे थे. दो साल तक ये सब चला. फिर उनके मरने के बाद हम मां बेटी ने ये सब बंद कर दिया. उसके बाद लवली की शादी आपके साथ हो गयी.
लवली की मां सुधा शर्मा के मुंह से ये कहानी सुन कर मैं दंग रह गया. उस दिन मैंने अपनी सासू मां को चोदा और उनसे कहा कि आपका जब मन हो आप मुझे फोन कर लीजिये. मगर अब घर की इज्जत घर में ही रहनी चाहिए.
उसके बाद मैं वहां से आ गया. जब मैं अपने घर आया तो पापा अंदर से दरवाजा बंद करके लवली की चूत मार रहे थे. मैंने आवाज दी तो कुछ देर के बाद दरवाजा खुला. लवली आई और पापा सोने का नाटक करने लगे.
ऊपर आने के बाद मैंने लवली से पूछा- दिन में कितनी बार चोदते हैं तुम्हें?
वो बोली- पिछले चार दिन से कहीं नहीं जा रहे हैं. बस एक दिन लंड खड़ा करने की दवाई लेने के लिए गये थे. दवा खाते हैं और मुझे भी खिलाते हैं और दिन रात मुझे चोदते रहते हैं. मेरे कपड़े भी खुद ही धोते हैं और खाना बना कर भी खिलाते हैं.
मैंने कहा- तो अब क्या प्लान है?
लवली बोली- तुम्हारी मां का फोन आया था. दो दिन के बाद वो आ रही हैं वापस. हमारे पास केवल कल का ही समय है. आज तो पापा को ज्यादा मन नहीं करेगा लेकिन कल वो चुदाई के लिए पागल हो जायेंगे.
मैंने कहा- तो तुम क्या करना चाहती हो?
वो बोली- थोड़ा इंतजार करो.
उसके बाद फिर मैं भी सो गया.
उसके बाद फिर मैं बाहर चला गया.
पापा बोले- आज बहुत मन कर रहा है.
लवली बोली- ठीक है, मैं देखती हूं.
लवली ने पापा के बारे में जो कहा वो मुझे यकीन करना मुश्किल था. मेरी मां 5.6 फीट लम्बी, गदराये बदन की मालकिन और दूध से सफेद रंग की थी. 43 की उम्र में भी 35 की लगती थी. आज भी बाजार जाती थी तो लोग पलट कर देखा करते थे. ऐसी औरत को छोड़ कर मेरा बाप अपनी बहू के साथ भागने की बात कर रहा था.
मैंने लवली से कहा- ऐसा नहीं हो सकता. तुम झूठ बोल रही हो.
लवली बोली- कुछ देर इंतजार करो, अपने कानों से ही सुन लेना तुम खुद.
मैं बाहर निकल आया. लवली पापा के रूम में गई. मैं धीरे से खिड़की के पास जाकर खड़ा हो गया. पर्दे के पीछे से देखने लगा.
लवली पापा से बोली- पापा आज नहीं मिल पायेंगे.
पापा बोले- आशीष कहां है?
लवली- नहाने गए हैं.
पापा लवली की चूचियों को दबाने लगे और कहने लगे कि तुम तैयार हो जाओ, हम दोनों कहीं भाग कर शादी कर लेंगे।
लवली- लोग क्या कहेंगे?
पापा बोले- लोगों से हम मिलेंगे तब न कुछ कहेंगे वो!
उनके मुंह से ये बात सुन कर मेरा मन कर रहा था कि मैं खींच कर उनको चपाट मारूं. मगर मैंने बहुत बर्दाश्त किया.
वापस आकर लवली बोली- देखा, एकदम से पागल हो गये हैं प्यार में. अब लोहा गर्म है, हमें आज की रात प्लान के मुताबिक काम करना है.
मैंने कहा- अब क्या प्लान है तुम्हारा?
वो बोली- सब पता चल जायेगा. थोड़ा रुको. बस मैं जैसा कहती हूं वैसा ही करते जाना.
मैंने लवली को अपने पापा के लंड की दीवानी बना दिया था. अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं.
रात हो गई थी सब लोग खाने के बाद सोने चले गए. लवली नीचे बर्तन साफ कर रही थी और बोली कि मैं बाद में आऊंगी.
मैं फिर ऊपर आ गया. मगर मेरा मन बार बार लवली पर शक कर रहा था.
पांच मिनट के बाद मैं दोबारा से नीचे देखने आया तो मैंने पाया कि लवली और पापा दोनों एक दूसरे को पकड़े हुए थे.
पापा बोले- आज कैसे मिलोगी?
लवली ने कहा- उनके सोने के बाद आऊंगी.
पापा बोले- तुम नहीं आई तो मैं सो नहीं पाऊंगा.
फिर पापा लवली की चूचियों को मसलने लगे और किस करने लगे. वो दोनों पति पत्नी की तरह मजे लूट रहे थे और मैं कुछ नहीं कर पा रहा था.
वो पापा से बोली- अब आप जाइये. मैं यहां पर बर्तन धोने का बहाना करके रुकी हुई हूं.
उसके बाद पापा के आने से पहले मैं छत पर आ गया. पांच मिनट के बाद लवली भी आ गई. दरअसल वो कुछ खेल जरूर खेल रही थी.
लवली ने आकर मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली- राजा, आज रात के बाद बहुत कुछ बदल जायेगा.
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं इसको लवली के हक में समझूं या अपने हक में. वो शायद पूरी तरह अपना ही उल्लू सीधा कर रही थी.
मैंने अपने लंड को लवली के मुंह में डाल दिया. मैं तेजी से उसके मुंह को चोदने लगा. वो दो मिनट में ही परेशान हो गयी और बोली- आप क्या कर रहे हैं, ऐसे तो कभी नहीं किया आपने इससे पहले.
उस वक्त मैं गुस्से में था. मैंने कहा- आज मैं तुम्हारी चूत में नहीं बल्कि पीछे डालना चाहता हूं.
मैंने उसको पलटा दिया और उसकी गांड में लंड लगा दिया. मैं उसकी गांड में लंड घुसाने लगा और वो चीखने लगी. लंड अंदर नहीं घुस रहा था तो मैंने थूक लगाया और फिर डालने लगा. वो रोकती रही मगर मैंने उसको नहीं छोड़ा और अपनी चुदक्कड़ बीवी की गांड चुदाई करने लगा.
15 मिनट तक मैंने उसकी गांड चोदी. वो दर्द से आहें भर रही थी.
मैं बोला- अब बताओ, अब क्या करना है?
वो बोली- मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा, ये ठीक हो जायेगा.
उसके बाद वो सो गयी. आधे घंटे के बाद उठ कर बोली- मैं पापा के पास जा रही हूं. मैं उनके सारे कपड़े उतार दूंगी. उसके 30 मिनट बाद आप भी आ जाना और गुस्से में मुझे मारने लगना. पापा को भी बुरा भला कहने लगना.
मैंने वैसा ही किया. लवली जब नीचे गयी तो पापा उसका इंतजार कर रहे थे. जाते ही पापा ने उसको बांहों में भर लिया. देखते ही देखते दोनों नंगे हो गये. पापा ने मेरी बीवी की चूचियों को मसलना शुरू कर दिया
और फिर सीधा उसकी चूत पर लग गये.
लवली अब खुद ही ऊपर आई गयी और अपनी चूत को पापा के मुंह पर रगड़ने लगी. उसने मुझे जान बूझ कर 30 मिनट के बाद आने के लिए कहा था ताकि उन दोनों का मजा बीच में खराब न हो जाये.
10 मिनट तक चूत चाटने के बाद पापा ने अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया. पापा नीचे से और लवली ऊपर से झटके मार रही थी. दोनों के मुंह से सेक्स भरी आवाजें आने लगीं- आह्ह . याह .. ओह्ह . आहाह . हाय . स्स. आह्ह करते हुए दोनों चुदाई में मशगूल हो गये.
7-8 मिनट के बाद फिर मैं भी पहुंच गया और एकदम से बोला- ये क्या हो रहा है यहां?
पापा मुझे देख कर खड़े हो गये. जैसे ही मेरी बीवी की चूत से उन्होंने लंड निकाला तो उनके लंड से पानी छूट पड़ा. फिर सब कुछ शांत हो गया.
लवली को डांटते हुए मैं बोला- तुमको मेरे लंड से चुद कर ठंडक नहीं है क्या? और पापा आप? आपको भी शर्म नहीं आ रही है अपनी बहू के साथ ये सब करते हुए?
मैं लवली को मारने लगा.
इतने में ही पापा बीच में आ गये और उन्होंने लवली को पीछे कर लिया.
वो बोले- इसकी कोई गलती नहीं है. तुम इसको छूने की कोशिश भी मत करना.
ये बोल कर पापा ने मेरी बीवी को एक आशिक की तरह अपनी बांहों में भर लिया.
मैंने लवली को पकड़ कर उनसे अलग किया और ऊपर ले जाने लगा. पापा हमें रोकने लगे.
लवली पापा से बोली- आप बैठिये, मैं बात करती हूं. मैं सब ठीक कर दूंगी.
हम दोनों ऊपर आ गये. फिर लवली बोली कि दो मिनट के लिए उसको नीचे जाना है. फिर वो दोबारा से नीचे आकर पापा से बोली- आप टेंशन मत लेना. मैं सब ठीक कर दूंगी. रात को बात करती हूं और सुबह तक सब सही हो जायेगा.
फिर वो वापस आ गयी.
मैंने पूछा- अब क्या करना है?
वो बोली- बस, अब मैं जैसा कहूं वैसे करना.
मैंने कहा- कुछ बता तो दो, मुझे रात भर नींद नहीं आयेगी.
जब मैं सुबह उठा तो मां का फोन आया हुआ था. मैंने दोबारा उनको फोन किया तो वो कहने लगी कि वो दो दिन के बाद वापस आयेंगी.
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