मेरी गर्लफ्रैंड है पर हम चुम्मा चाटी के अलावा कुछ कर नहीं पाए। गाँव गया तो ताऊ की बहू यानि चचेरी भाभी से मेरी दोस्ती हो गयी. यह दोस्ती आगे भाभी की चूत चुदाई तक गयी.
नमस्कार दोस्तो, मैं पिछले कई सालों से अन्तर्वासना पढ़ रहा हूँ लेकिन मेरी ये पहली कहानी है।
मैं हरियाणा का हूँ और मेरी उमर 24 साल है. शरीर से मैं एकदम चौड़ा और हाँ लंड की लंबाई नार्मल है लेकिन इसका सुपारा मोटा है. ऐसा मुझे मेरे दोस्तों ने भी बताया।
मैंने दिल्ली से ग्रेजुएशन की है. उसके बाद मैं एग्जाम की कोचिंग लेकर गांव आ गया।
मेरी एक गर्लफ्रैंड भी है लेकिन मौक़ा ना होने की वजह से दोनों की मर्जी होते हुए भी हम चुम्मा चाटी के अलावा कुछ कर नहीं पाए। मैं अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई करना चाहता था, वो भी मेरे लंड को अपनी बुर में समा लेना चाहती थी. पर यह हो ना पाया था.
इसलिए मैं अपनी वासना अपने हाथ से ही शांत करता था. क्योंकि मैं उसे बहुत प्यार करता हूं और धोखा नहीं देना चाहता था।
लेकिन ये कहानी जिस भाभी की है वो दिखने में ठीक हैं. उनका फिगर है 34-28-36 तो आप सोच लो कैसी लगती हैं वो!
मैं काफी मजाकिया टाइप हूँ तो लोग मेरे बहुत जल्दी दोस्त बनते हैं।
ऐसे ही जब मैं गांव गया तो मेरे ताऊ के लड़के की वाइफ से भी मेरी दोस्ती हो गयी। मेरे मन में उसके लिए कुछ नहीं था सिर्फ दोस्ती थी। वो अपनी बातें मुझे बताती थी और मैं यह बात जान गया था कि अपने पति के साथ ज्यादा खुश नहीं है।
एक दिन वो बीमार हुई तो मुझे उन्हें लेकर हॉस्पिटल जाना पड़ा।
वापसी रास्ते में उन्होंने अपने प्यार का इजहार किया।
उन्हें मैंने अपनी गर्लफ्रैंड के बारे में बताया तो वो रोने लगीं।
मैंने घर पहुँच कर उन्हें समझाना चाहा तो वो रोते रोते गले लग गई। मैंने उन्हें हटाने की कोशिश तो कि लेकिन शायद पूरे मन से नहीं की. क्योंकि इतने सालों की वासना असर कर रही थी. और फिर उनके हाथ मेरे शरीर पर चलने लगे।
मुझसे खुद पे काबू नहीं रहा तो उनकी गर्दन पर किश करने लग गया। अचानक इस तरह करने से वो ओर जोर से मुझसे चिपक गयीं। उनकी और मेरी साँसें तेज होने लग गई थी।
फिर मैं भाभी की ठुड्डी ऊपर करके उनके होठों को चूमने लगा। वो भी आँखे बंद किए मेरा साथ दे रहीं थीं। हम करीब 5 मिनट तक एक दूसरे को चूसते रहे। तब हम रूम के बाहर थे तो मैं उन्हें गोद में उठा कर अंदर ले जाने लगा तो उन्होंने मेरे गले में हाथ डालकर मुझे अपनी तरफ खींचा और किश करते करते हम बेड तक पहुंच गये।
मैंने उन्हें बेड पर पटक दिया और उन्हें देखने लगा।
उनकी आंखें बंद थीं और साँसें ऊपर नीचें हो रही थीं।
भाभी को ऐसे देखकर मुझसे रुका नहीं गया और मैं झट से उनके ऊपर कूद गया और पागलों की तरह उनके ऊपर किश की झड़ी लगा दी।
उनके हाथ मेरी कमर पर चलते रहे।
जब भी मैं उनकी कान की लौ को किश करता तो वो मचल जाती। तब मैंने किश करते करते पहली बार उनके मम्मों को पकड़ के दबाना शुरु किया। इस बीच उन्होंने मेरी टीशर्ट निकालने की कोशिश की तो मैंने खुद ही निकाल दी और फिर से उनके ऊपर लेट गया।
फिर मैंने अपना हाथ उनके शर्ट के अन्दर डाला और उनके पेट और मम्मों पे फिराया तो उनकी आह निकल गई। तो मैंने नीचे होकर उनकी नाभि में अपनी जीभ डाल दी उनके मुँह से सिसकारियों की आवाज आई और उनका पेट कांपने लगा।
मैं भाभी के पेट और नाभि को चाटता रहा और वो मेरे बालों में हाथ डाल के मजे में आह आह करती रहीं।
अब मैंने अपना हाथ उनकी पुसी पर लगाया तो एकदम से वो झिझकी और बैठ कर मेरे गले लग गई। तो मैं फिर से उनके होठों को चूसने लग गया।
और फिर मैं एकदम से हट गया तो भाभी अपनी आंखें खोल के देखने लगी कि मैं क्यों हटा.
मैं थोड़ा हंसा तो उन्होंने बोला- कुछ नहीं!
बस मुझे ऐसे देखकर खुश हो गयी और फिर से गले लग गई।
फिर मैंने भाभी का कुर्ता निकालने की कोशिश की तो उन्होंने मेरी मदद की.
मैं आज पहली बार किसी को सामने ऐसे देख रहा था। मुझसे रहा नहीं गया और उसकी ब्रा भी उतार फेंकी और भूखे शेर की तरह उन पर कूद गया। मैं मुँह से भाभी की चूची चाटने लगा, जीभ से मम्मों के निप्पल को छेड़ने लगा और हाथ से दबाने लगा।
उनकी आंखें बंद थी और वो अपने हाथों से मेरे सिर को अपनी छाती पे दबा रही थी। ऐसे मैं कभी उनके पेट पर कभी छाती पर कभी गर्दन पर चाटता और चूमता रहा।
फिर मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया. शायद इसके लिए वो तैयार नहीं थीं तो उन्होंने अपने पैर भींच लिए।
मैं हमेशा से अन्तर्वासना पढ़ता हूँ तो मुझे पता था. इसलिए मैंने सलवार के ऊपर से भाभी की चूत पर किस करनी शुरु कर दी।
वो सिहर उठी.