मैं कुछ दिनों पहले गुंजन से एक मॉल में मिला लेकिन उसने अपनी नजरें मुझसे बिल्कुल नहीं मिलाई वह नजर झुकाते हुए वहां से चली गई, गुंजन शायद अपने पति के साथ थी लेकिन उसने मेरी तरफ एक बार भी नहीं देखा मुझे ऐसा लगा कि जैसे गुंजन को अपनी गलती का कोई एहसास ही नहीं है परंतु मेरी भी अब शादी हो चुकी है और मुझे भी अब गुंजन से उतना ज्यादा फर्क नहीं पड़ता लेकिन जब भी मैं उसके बारे में सोचता हूं तो मुझे अपने पुराने दिन याद आ जाते हैं जब मैं उसे गांव में मिला था।
यह बात आज से करीब 5 वर्ष पहले की है 5 वर्ष पहले मैं गांव में ही रहता था हमारे गांव से कुछ दूरी पर कॉलेज था मैंने अपने गांव से ही कॉलेज की पढ़ाई पूरी की, पढ़ाई के दौरान मेरी मुलाकात गुंजन से कॉलेज में हुई मैंने जब उसे पहली बार देखा तो पहली नजर में ही वह मुझे भा गई थी लेकिन मुझे यह बात नहीं पता थी कि वह हमारे गांव के पास के ही गांव में रहती है मुझे यह बात मेरे दोस्त ने बताई, मैंने भी उसके बाद गुंजन का पीछा करना शुरू कर दिया वह जब भी कॉलेज से घर जाती तो मैं भी उसी बस में कॉलेज से जाया करता था, मुझे गुंजन के बारे में सब कुछ पता चल चुका था वह कितने बजे कॉलेज जाती है और कितने बजे वह कॉलेज से लौटती है मैं हमेशा ही उसके पीछे पीछे जाया करता, गुंजन को भी इस बात का एहसास हो चुका था कि मैं उसका पीछा कर रहा हूं वह भी जैसे मुझे तड़पाना चाहती थी इसलिए उसने मुझे कोई भी ऐसे हाव भाव नहीं दिए कि मुझे समझ आ सके लेकिन मैं गुंजन पर पूरी तरीके से फिदा था। एक बार हमारे गांव में मेला लगा हुआ था और वहां पर आस-पास के गांव से भी लोग आए हुए थे हमारे गांव में कुश्ती काफी सालों पहले से चलती आ रही है और दूर-दूर से सब लोग कुश्ती देखने आया करते हैं, मेला भी काफी बड़ा था इसलिए भीड़ भी बहुत हुई थी मैं कुछ दिनों के लिए कॉलेज नहीं गया उस दौरान मैं मेले में ही अपने दोस्तों के साथ घूमता रहा, एक दिन मुझे मेले में गुंजन दिखाई दी, जब मुझे वह दिखाई दी तो मेरी तो जैसे खुशी का ठिकाना ही नहीं था मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया और जब मुझे गुंजन दिखी तो मैं उसका पीछा करने लगा मैं गुंजन के बिल्कुल पीछे पीछे जा रहा था गुंजन के साथ उसकी सहेलियां भी थी उसकी एक सहेली ने तो मुझे देख लिया था उसने गुंजन को कहा कि कोई हमारा पीछा कर रहा है।