मैंने अब तक कभी भी सेक्स नहीं किया था लेकिन हस्तमैथुन जरूर कर लेता था.
तो हुआ यूं कि मेरी मामी की भाभी यानि मामा की सलहज (मामा के साले के पत्नी) की हार्ट अटैक से मौत हो गयी थी, तो मैं उनके मायके गया था. मैंने वहां पर मामी के भाई की लड़की को देखा. वो गजब की खूबसूरत थी, मैं उसे देखता ही रह गया. वैसे मैंने उसको पूरा ध्यान से तो उस दिन देखा था, जब उसका भोग लगाया था.
उस दिन उसने पीले रंग का सूट पहना हुआ था. उसकी उम्र 22 साल की थी. उसका नाम हरजोत कौर था. हरजीत का रंग एकदम दूध सा गोरा था. उसका शरीर पूरा भरा हुआ था. उसके चूचे भी बहुत मोटे थे व गांड भी काफी मोटी थी. मुझे उसको देख कर लगा कि यह शायद खेली खाई लौंडिया रही है.
उसने नर्सिंग की हुई है. उनके परिवार का खेती का काम है और घर गांव के बाहर ही पड़ जाता है. उसका एक भाई जो कि कनाडा रहने लगा है, वो इस शोक की हालत में भारत आया था. वो भी कुछ दिनों वाद वापिस चला गया. घर में उसकी दादी और बाप रह गए.
मेरी उससे फेसबुक पर दोस्ती हो गई थी. वो नजदीक के शहर में कोई कोचिंग ले रही थी, जिस वजह से हम दोनों मिलने लगे थे. क्योंकि उसको इस टाइम में एक साथी की जरूरत थी. मैंने इसका फायदा उठाया. उसका इंटरेस्ट सेक्स में लाने के लिए मैंने उसको एक सेक्स वीडियो दिखाने के बारे में सोचा, लेकिन यह मुझे ठीक नहीं लगा.
ऐसा हुआ कि एक दिन जब वो कोचिंग से बाहर आयी, तो हम कुछ खाने के लिए मैकडोनाल्ड चल पड़े. मैक-डी थोड़ा दूर था, रास्ते में बारिश आ गयी और हरजोत के कपड़े भीग गए.
हम रास्ते में एक कमरे के किनारे पर रुक गए, वहां पर कोई नहीं था. हम दोनों काफी भीग गए थे. मैंने लोअर पहनी हुई थी, जो कि आगे से भीग गयी थी. उसका सूट काफी गीला हो गया था और मुझे उसके बड़े बड़े बूब्स साफ़ दिख रहे थे. उसने अन्दर सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी. बारिश बहुत तेज़ हो गयी थी और बादल भी गरज़ रहे थे.
तभी बिजली की कड़कड़ाती हुई एक तेज आवाज़ आयी और वो डर गयी. तभी मैंने उसे अपनी दोनों बांहों में ले लिया. मैंने उसे पूरे ज़ोर से अपनी बांहों में जकड़ लिया था. इस समय उसके दोनों स्तन मेरी छाती से दब रहे थे. हम दोनों को सेक्स की फीलिंग आनी शुरू हो गयी थी. मेरे लंड ने भी हलचल करनी शुरू कर दी थी, जो हरजोत की बुर को टच कर रहा था.
तभी हम दोनों ने एक दूसरे की आंखों में देखा और किस करना शुरू कर दिया. यह मेरी पहली किस थी, लेकिन मैंने वीडियोज में बहुत बार देखा हुआ था. हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को चूमते चले गए. इसी बीच मैंने उसके दोनों मम्मों को दबाना शुरू कर दिया. क्या मजा आ रहा था, इतना आनन्द था कि मैं शब्दों में तो बता ही नहीं सकता.
फिर मैंने अपना हाथ उसकी गांड पर भी फेरा. उसके बाद उसकी बुर पर भी अपने हाथों से उसको जन्नत का मज़ा दिया. लेकिन हम ज्यादा टाइम यह सब नहीं कर सकते थे क्योंकि जगह इतनी भी ज्यादा सेफ नहीं थी.
फिर भी मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाल कर देखा, तो उसकी चड्डी पूरी गीली और चिपचिपी थी.
मैंने हरजोत को कहा- मुझे तुम्हारी बुर मारनी है.
उसने कहा- जिस दिन घर पर कोई नहीं होगा, उस दिन तुम मेरी ले लेना.
मैंने कहा- इसमें तो पता नहीं कितना टाइम लग जाए और घर पर ये सब करना जरा रिस्की भी है.
वो बोली- तो क्या किया जाए?
मैंने उससे कहा कि नहीं कुछ और सोचते हैं.
उसी दिन रात को मुझे उसका मैसेज आया कि मैं घर जा रही हूँ, कल रात को तुम भी आ जाओ.
उनके घर के कुछ दूरी पर ही खेतों के बीच में एक कमरा बना हुआ था. वहां पर कोई आता जाता नहीं था. कमरा भी ठीक ठाक बना हुआ था. उधर कुछ सामान आदि रखे रहते थे. वो वहां पर कई बार काम से गयी भी थी. उसने मुझसे कहा कि वहां पर एक पलंग भी पड़ा है.
मैंने घर पर एक रात का बहाना बनाया और रात को दस बजे उसके घर के बाहर आ गया. मैं बाइक पर आया था.
तभी वो बाहर आयी. मैंने बाइक बिना स्टार्ट किये कुछ दूर जा के खड़ी कर दी.
रात में खेतों के बीच से वो मुझे कमरे पर ले गयी. दूर दूर तक कुछ नहीं दिख रहा था. उसके घर की भी बैक साइड थी. उस कमरे के सामने हमने लाइट की, तो देखा वहां पर बेड और उसके ऊपर एक पतला सा गद्दा पड़ा था.
हरजोत ने उस दिन गुलाबी रंग की टी शर्ट और लाल रंग की लोअर पहनी हुई थी. मैंने लोअर के साथ टी शर्ट पहनी थी.
हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए. उसने ब्रा नहीं पहनी थी, उसकी पेंटी काले रंग की थी.
पहले हमने एक दूसरे को चूमना चालू कर दिया. फिर मैंने उसको बेड के ऊपर लिटा दिया. मैंने उसके दोनों गालों इतना ज्यादा चूसा कि वो टमाटर से लाल हो गए.
फिर मैंने अपनी जान की गर्दन को किस किया. उसके बाद मैंने उसके एक बूब को चूसना शुरू किया. उसके दूध जैसे चूचे और उनकी गुलाबी निपल्स को मैंने दांतों से चबाया, तो हरजोत ने मादक सिसकारियां लेनी शुरू कर दीं.