भाभी बोली- देखूँ कि बड़ों जैसे काम करने वाले का कितना बड़ा हो गया है.
मेरी पेंट की चैन पर हाथ रखते ही भाभी ने मेरा सामान पकड़ लिया. मेरा लंड एकदम से उठ गया.
पहले तो मैं भाभी से कहने लगा- भाभी ये गलत है … आप मेरी भाभी हैं और मैं आपके साथ कैसे कुछ कर सकता हूँ.
तो भाभी बोली- तुझे कौन कुछ करने को कह रहा है. मैं अपने आप ही कर लूँगी. पहले ये तो देखूं कि कितना बड़ा हो गया है तू?
उसने मेरी बेल्ट खोल दी और फिर बटन ओर चैन और मेरे लंड को कच्छे से बाहर निकाल लिया. भाभी मेरे लंड को पकड़ कर बोली- तू तो सच में बड़ा हो गया है, इतना बड़ा लंड तो तेरे भाई का भी नहीं है. सच बता कितनी लड़कियों को चोदा है?
मैं बोला- भाभी, मैंने किसी के साथ कुछ नहीं किया है … और मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता है.
परंतु सच तो यह था कि मैं पहले भी सेक्स कर चुका था. फिलहाल मैंने भाभी को कुछ भी बताने से मना कर दिया.
भाभी बोली- कोई बात नहीं, मैं सब सिखा दूंगी.
भाभी मेरा लंड हाथ में पकड़ कर मुझे बेडरूम में ले गयी और में पीछे पीछे खिलौने की तरह लंड लिए खिंचता चला गया.
कमरे में अन्दर जाते ही भाभी मुझ पर टूट पड़ी और मेरी शर्ट के बटन खोल कर छाती पर जोरदार किस करने लगी. वो कभी गले पर, कभी छाती पर लगातार किस करने लगी. मैं भी गर्म होने लगा था, तो मैंने उसके बालों में हाथ डालकर उसके होंठों पर होंठ रख दिए ओर मैं भी भाभी को किस करने लगा.
इतने में भाभी ने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया, तो मैंने दूसरे हाथ से भाभी के बड़े बड़े चूचों पर रख दिया और उन्हें दबाने लगा. इससे भाभी की सांसें गर्म हो गईं और मैं जोर जोर से चुचे दबाने लगा. मैंने किस करना छोड़ कर भाभी के चूचों को चूसना चालू कर दिया, जिससे भाभी एकदम से चुदासी हो गई. वो मेरे बालों को पकड़ कर अपनी छाती पर दबा रही थी. मैंने भाभी को गोद में उठाकर बेड पर पटक दिया.
तभी भाभी बोली- तू तो बोल रहा था कि तुझे कुछ नहीं पता और तूने पहले कुछ नहीं किया है?
मैंने जबाब दिया- भाभी ये सब तो मैंने सेक्स फिल्मों में देखा है.
उसके बाद भाभी ने मेरे कपड़े उतार दिए और फिर से मुझे जगह जगह किस करने लगी और मेरे लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. ऐसा करने से मेरी हालत खराब हो रही थी, सिर्फ 2-3 मिनट में ही मेरा माल छूट गया और भाभी ने सारा का सारा गटक लिया और लंड को फिर से चूसने लगी, जिससे थोड़ी ही देर में लंड फिर से तैयार हो गया.
अब मैंने भाभी की टांगें खोलीं और उसकी चूत देखी, भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था, शायद नहाने से थोड़ी देर पहले ही भाभी ने चूत शेव की थी. मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली, तो वो एकदम से घुस गई क्योंकि भाभी की चूत गीली हो चुकी थी.
मैंने अपनी उंगली अन्दर बाहर करनी शुरू की, फिर दूसरी उंगली भी भाभी की चूत में डाल दी, जिससे उसका शरीर अकड़ने लगा और वो छटपटाने लगी. भाभी ने मेरे हाथ पर पूरे जोर से नाखून चुभा दिए, साथ ही कुछ ही देर में भाभी ने भी पानी छोड़ दिया.
मैं दोबारा से उनके चुचे दबाने ओर चूसने लगा, तो वो बोली- अब कंट्रोल नहीं हो रहा है.. जल्दी से कुछ कर.
मैंने भाभी की चूत पर अपना लंड सैट किया. अपने होंठ उसके होंठों पर रखे ओर हाथ चूचों पर रखकर एक जोरदार झटका दे मारा, तो मेरा आधे से ज्यादा लंड चूत में घुस गया और भाभी छटपटाने लगी. होंठ बन्द होने से उसकी आवाज मेरे मुँह में दब गई थी, तो उसने मेरी कमर पर थप्पड़ मारने शुरू कर दिए.
मैं कुछ पल के लिए ऐसे ही रुका रहा और भाभी की चूचियां चूसता रहा. जब भाभी शांत हो गयी, तो उसने गांड हिलाई, मैं समझ गया. मैंने एक और जोरदार झटका मारा, जिससे मेरा पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत में समा गया. भाभी दर्द से कलप उठी और अपने नाखूनों से मेरी कमर पर निशान बनाने लग पड़ी.
मैं फिर से थोड़ी देर के लिए शांत पड़ा रहा. अबकी बार एक मिनट में ही भाभी अपने कूल्हे उठाने लगी, तो मैंने भी अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी. अब भाभी के मुँह से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाजें निकल रही थीं. करीब दस मिनट की चुदाई के बाद मेरा फिर से छूट गया और भाभी भी तब तक झड़ चुकी थी.
हम दोनों यूं ही शिथिल पड़े रहे. मेरा लंड फिर से छोटा हो गया था.
दस मिनट बाद भाभी ने लंड को चूसकर फिर से बड़ा कर दिया और फिर मैंने अलग अलग स्टाइल से भाभी की दो बार और चूत और 2 बार गांड मारी.
इसके बाद मेरा और भाभी का अंकगणित सही चलने लगा. किचन में अंडे उबालते वक्त ही चुदाई का समय सैट हो जाता. दो बार तो मैंने जल्दी वाली चुदाई किचन में उसकी सलवार नीचे करके कर डाली थी.
मैं करीब 2 महीने वहां रहा. हम दोनों को जब भी मौका मिलता, हम चुदाई कर लेते थे. दो महीने में मेरा एग्जाम हो गया और मैं अपने गांव आ गया.
अब जब भी, हम दोनों में से किसी का भी जी करता है, तो हम दोनों मिलकर चुदाई कर लेते हैं.
दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी, जरूर बताना.