अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! आपने मेरी पिछली कहानी
विदेशी महिला मित्र के साथ सेक्स सम्बन्ध
पढ़ी और पसंद की. धन्यवाद.
मैं राजदीप सिंह आप लोगों के साथ अपनी नई कहानी ले कर हाजिर हूँ.
दोस्तो, हम सभी पुलिस वालों से नफरत करते हैं और उनके लिए हमारे दिलों में कोई दिल विशेष सम्मान नहीं होता. हालांकि अपवाद सभी जगह होते हैं. पुलिस के लिए भी ऐसा हो सकता है, परन्तु अधिकतर की यही स्थिति है.
कुछ ऐसा ही मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है. इस नवंबर के महीने में मेरा ट्रांसफर हो गया और अब मुझे हरियाणा टूरिज्म का आफिस मिला.
इन दिनों हरियाणा मैं स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के पेपर चल रहे थे, तो मेरी ड्यूटी भी इस काम के लिए लगी और मुझे एक ज़िले में भेजा गया.
वहां मुझे एक स्कूल को सुपरवाइज़ करना था. तो मैं निर्धारित दिन पर उस स्कूल में पहुंच गया.
गेट पर ही मुझे वहां के प्रिंसिपल सर मिल गए. उन्होंने मुझे अपने स्टाफ से मिलवाया. मैंने सबको अपनी अपनी ड्यूटी समझा दी. फिर मैं अपनी चेयर लेकर बैठ गया. तभी अचानक एक औरत वहां आई.
वो बड़े रॉब से चिल्लाते हुए बोली- आपने लेडीज रूम के क्या अरेंजमेंट करके रखे हैं? लेडीज कहां बैठेंगी?
मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उससे बोला- देखिए मैडम, मैं यहां का स्टाफ नहीं हूँ. मैं यहां सुपरिटेंडेंट के पद पर आया हूँ.
यह सुनकर वो बिना कुछ बोले चली गई.
पेपर शुरू हो गया. कुछ देर बाद जिला उपायुक्त वहां आए और उन्होंने सारी व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होंने मुझसे उस महिला पुलिस के बारे में पूछा.
क्योंकि मैंने डयूटी पर किसी लेडीज अफसर को नहीं देखा था, तो मैंने उनको मना कर दिया.
उपायुक्त साहब ने सभी पुलिस कर्मियों को डांटा. उनके जाने के बाद वो ही महिला अपनी पुलिस की वर्दी में वहां आई और उसी रोब से मुझे पर चिल्लाई. उस महिला पुलिस कर्मी का नाम कुसुम था. मेरी उससे सारे स्टाफ के सामने बहस हुई, तो मुझे बड़ी ज्यादा बेइज्जती सी महसूस हुई.
मैंने सोच लिया कि यहां से जाने से पहले इससे अपनी बेइज्जती का बदला जरूर लूंगा.
फिर जैसे तैसे आज का दिन निकल गया. पेपर ठीक से हो गया. पेपर खत्म होने से पहले मैंने देखा कि मेरी सीट के पीछे एक रूम में कुसुम ने अपनी वर्दी बदली. वो अपने सामान्य कपड़े पहन कर वहां से बाहर निकली.
अब मुझे अगले दिन का इंतज़ार था. मैं अगले दिन अपनी ड्यूटी पर पहुंचा और उस कमरे में मैंने अपने तीनों मोबाइल अलग अलग ऐंगल में कैमरा मोड पर लगा दिए. फिर जैसा प्लान किया था, कुसुम अन्दर आई और कमरे में अपनी वर्दी बदलने चली गई. मैंने उधर कैमरे चालू कर रखे थे, इसलिए वो कपड़े बदलते हुए कैमरे में कैद हो गई.
उसके जाने के बाद मैंने कैमरे उतारे और उसमें बनी वीडियो देखी. उसने अन्दर काली ब्रा और गुलाबी पेंटी पहनी हुई थी. उसकी फिगर 32 32 34 की थी. कुसुम बड़ी ही सेक्सी माल थी.
पेपर शुरू होने के बाद मैंने उसे अपने आफिस में बुलवाया. मैंने उससे पूछा- कल आप मुझसे बहुत बुरी तरह से बात कर रही थीं, तो आज आप मुझे लिखित में सॉरी दो, नहीं तो मैं आपकी शिकायत आपके अधिकारियों को कर दूंगा.
यह सुनकर वो गुस्से में आग-बबूला हो गई और हरियाणवी भाषा में मुझसे बोली- मैं तन्ने ये इल्ज़ाम लगा कै अन्दर करवा दूंगी कि तूने मेरे साथ छेड़छाड़ की है.
मैंने कहा- ठीक है, परंतु पहले ये भी देख लो.
मैंने मोबाइल में बनी उसकी वीडियो दिखाई और बोला कि अगर तुम बाहर गईं, तो ये वीडियो यूट्यूब पर पोस्ट हो जाएगी.
अपनी नंगी वीडियो देख आकर वो सहम गई और मेरे मोबाइल को छीनने के लिए झपटी. उसने मेरा मोबाइल छीनने की कोशिश की. मगर मैं भी फुर्तीला था और उसकी इस हरकत के लिए चौकन्ना था.
मैंने उसे चेताया- तू मोबाइल ले लेगी, तो क्या समझती है, मुझसे जीत जाएगी? मैंने उसे ड्राइव में सेव कर दिया है.
यह सुनकर वो एकदम ठंडी पड़ गई और एक दो पल मुझे घूरने के बाद मेरे पैर पकड़ने लगी. मुझसे माफी मांगने लगी. वो बोली- मैं सॉरी लिख कर दे दूंगी.
मैंने कहा कि अब माफी नहीं, कुछ और भी चाहिए.
वो बोली- क्या चाहिए … कितने पैसे चाहिए?
मैंने कहा- तुम्हें कितने पैसे चाहिए, मुझे ये सब सामने दिखाने का?
ये सुनकर वो रोने लगी और बोली कि मेरी ज़िंदगी बर्बाद हो जाएगी, अभी 3 महीने पहले ही मेरी शादी हुई है.
अभी अन्दर ये सब ड्रामा चल ही रहा था किे तभी स्कूल के प्रिंसिपल आ गए.
उन्होंने पुलिस मेकर इस पुलिस वाली को रोता देखा, तो मुझसे पूछा- क्या हुआ सर?
मैंने बात को संभालते हुए कहा कि इन्हें छुट्टी चाहिए … लेकिन इनके सीनियर अधिकारी मना कर रहे हैं.
मैंने प्रिंसिपल के सामने उसके इंस्पेक्टर को बुलाया और कहा- मैं शाम तक के लिए कुसुम जी को अपनी गारंटी पर किसी काम से भेज रहा हूँ.
इंस्पेक्टर मुझे मना नहीं कर सकता था … क्योंकि वो आज मेरे अंडर ड्यूटी पर था.
मैंने कुसुम को इशारा किया और वो चुपचाप जाकर मेरी कार में बैठ गई.
मैंने प्रिंसिपल सर से कहा- मैं एक घंटे में वापिस आता हूँ.
यह कह कर मैं उधर से निकल आया.
कुसुम को लेकर मैं सीधा अपने होटल पहुंच गया. रूम में पहुंच कर मैंने उससे कहा- टाईम खराब किए बिना कपड़े उतारो और पूरी नंगी हो जाओ.
अब कुसुम रोने लगी.
मैंने उससे कहा- यह बात तेरे और मेरे बीच रहेगी और मैं तुम्हें इसके लिए पैसे भी दे दूंगा.
हर बेईमान पुलिस वालों की तरह पैसे का नाम सुन कर साली झट से मान गई. अब वो मुस्कुराते हुए अपने साथ साथ मेरे कपड़े भी उतारने लग गई.
उसके कपड़े उतरते ही मैं तो उसकी मदमस्त चुचियों पर टूट पड़ा. मैंने कुसुम की चूचियों को खूब मसला, दबाया और तो और उसके निप्पल भी दांत से काटे. वो मस्त होकर गर्म हुए जा रही थी.
इसके बाद मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा और बोला- अगर लंड चूसोगी तो 500 रुपये की टिप अलग से दूंगा.
मेरे इतना बोलते ही उसने मेरा लंड झट से मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
सच कहूं तो कुसुम एक रंडी के जैसे मेरा लंड चूस रही थी. लंड चूसती हुई कुसुम बड़ी कामुक लग रही थी. मैंने फिर से उसकी चुचियां दबाना शुरू कर दिया.