वहाँ जाकर पहले मैं नहाया धोया और करीब 9.30 बजे खाना खाया औऱ सोने की इच्छा हुई तो चाची ने कहा- ऊपर वाले कमरे में जाकर सो जाओ.
मैं वहाँ जाकर लेट गया और अपने फोन में मूवी देखने लगा।
करीब एक घण्टे बाद चाची सारा काम करके मेरे लिए दूध लेकर ऊपर आयी और दूध एक ओर रखकर मेरे पास बैठ गयी और बातें करने लगी।
बातों-बातों में चाची ने मुझे बताया कि मेरे चाचा का चक्कर पड़ोस में किसी और औरत के साथ है और वो उसके साथ हर रोज झगड़ा करते हैं।
यह सुनकर मैंने थोड़ा सहानुभूति दर्शाते हुए उनको सांत्वना देने के लिए उसके हाथ पर हाथ रख दिया। पता नहीं उसको क्या हुआ वो मेरे गले लगकर रोने लगी। मैं समझ चुका था कि चाचा इसकी सन्तुष्टि नहीं करते। मैंने उसको गले लगे हुए जानबूझकर उसकी कमर में हाथ फेरने लगा।
चाची को न जाने क्या सूझा, उन्होंने सीधा मुझको होठों पर चूम लिया और पीछे हटकर बैठ गई। अब मैं समझ चुका था कि ये अब चाची सेक्स के लिए तैयार है।
मैंने फौरन चाची का हाथ पकड़ कर आगे जिया और चाची के होठों पर टूट पड़ा। चाची भी कोई नाराजगी न दिखाते हुए मेरा साथ देने लगी।
2-3 मिनट के बाद चाची खड़े होकर नीचे गई और बच्चों के आगे वाले दरवाजे की कुंडी लगा कर वापस आ गई और आते ही मुझे बेतहाशा चूमने लगी। थोड़ी देर की चूमाचाटी के बाद वो मेरे कपड़े उतारने लगी।
अब मैं भी फुल मूड में हो चुका था, मैंने जल्दी जल्दी चाची के सारे कपड़े उतारे और एक एक करके उसके पूरे बदन को चूमने लगा। अब चाची के मुँह से जोर जोर से आहें निकलने लगी।
फिर मैंने चाची की टांगों को खोला और उसकी मखमली सफेद चूत पर अपनी जीभ रख दी और चूत को चाटने लगा।
आप लोगों को बता दूं कि मुझे चूत चाटना बहुत ज्यादा अच्छा लगता है।
चुत पर जीभ रखते ही चाची के गदराए बदन का रोम रोम कस गया और उसने अपने दोनों हाथों से मेरा मुँह अपनी टाँगों के बीच जोर से दबा दिया।
5 मिनट बाद ही चाची की चूत ने रस छोड़ दिया और मैं उस सारे रस को गटक गया।
अब मैं खड़ा होकर अपना लंड चाची के मुँह के पास ले गया और चाची को चूसने का इशारा किया. इशारा मिलते ही चाची मेरा 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लण्ड अपने गके तक गटक गयी। लंड को तो वो एक प्रोफेशनल रंडी की तरह चूस रही थी।
5 मिनट के बाद मैंने अपना सारा माल उसके मुँह में ही छोड़ दिया।
10 मिनट आराम करके चाची ने फिर से मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया। मेरा लण्ड फनफनाता हुआ फिर से अपने चरम पर पहुँच गया था। अब मैंने देर न करते हुए चाची को घोड़ी बनाया और अपना लण्ड चाची की चुत के सुपारे पर रख और फिर जोर से एक ही झटके में पूरा लण्ड चुत के अंदर घुसा दिया।
लण्ड घुसते ही चाची के मुँह से जोर की सिसकारी निकली। अब चाची अपनी गांड उठा उठा कर मेरा पूरा साथ दे रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने बेड पर सीधा लेटकर चाची को लण्ड पर बैठने को कहा। लण्ड पर बैठते ही पूरा का पूरा लण्ड चाची की चूत में समा गया। अब चाची मेरे लण्ड पर बैठकर उछलने लगी।
15 मिनट के चोदन के बाद मैंने सारा रस चाची की चूत में ही छोड़ दिया।
उस रात मैंने अपनी चाची संग 4 बार जी भरकर सेक्स किया। फिर मैं सुबह उठकर नहा धोकर चाचा का खाना लेकर अस्पताल आ गया।
तो दोस्तो, यह थी मेरी मेरी दूर की रिश्तेदारी में लगने वाली चाची संग सेक्स की कहानी। आप लोगों को पसंद आई या नहीं … मेल करके जरूर बताइएगा।
अगर कोई कमी या गलती रह गयी हो तो भी जरूर बताएगा। आपके सुझाव सर्वोपरि रहेंगे।
अगर आप मेरी दूसरी कहानियां भी जानना चाहते हैं तो मुझे जरूर लिखिएगा।
धन्यवाद।