अन्तर्वासना के सभी दोस्तो को मोहित का प्यार भरा नमस्कार, मैं नैनीताल का हूँ और दिल्ली यूनिवर्सिटी से से पढ़ाई कर रहा हूँ. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ तो सोचा आज मैं भी अपनी एक रियल चुदाई की कहानी आपके सामने पेश कर दूँ.
मेरा नैनीताल से दिल्ली ट्रेन से आना जाना रहता था. इसी दौरान एक बार की यात्रा के मेरी मुलाक़ात एक लड़की से हुई, जिसका नाम शबाना था. शबाना के बारे में आपको मैं विस्तार से बताता हूँ.
शबाना का फिगर 32-26-32 का था, जिसे देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए और रंग ऐसा, जैसे कि बॉलीवुड की पुरानी तारिका सायरा बानो दूध से नहाकर आई हो.
हुआ यूं कि जब मैं नैनीताल से दिल्ली आ रहा था, तो जैसा कि मुझे विंडो सीट पसंद थी, तो मैं सीट पर बैठ गया और ट्रेन चलने का इंतजार करने लगा. ये ट्रेन अधिकतर भरी रहती थी और इसमें रिजर्वेशन का कोई झंझट नहीं था.
हालांकि इस वक्त मेरी बगल वाली सीट खाली थी. कुछ देर बाद एक औरत मेरी सीट के पास आकर पूछने लगी- क्या ये सीट खाली है?
मैंने हां में जबाब दिया.
तभी उसने अपनी बेटी शबाना को बुलाया- शबाना बेटा यहां आ जाओ, सीट मिल गयी है.
जैसे ही वो अन्दर आई, कसम से मैं उसे देखता ही रह गया, क्या गदर माल लग रही थी. उसका फिगर और रंग देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा.
तभी उसकी माँ ने मुझसे कहा- अगर आपको प्राब्लम ना हो, तो क्या आप मेरी बेटी को विंडो सीट दे देंगे.. इसको सफ़र करने में थोड़ी दिक्कत होती है.
मेरी तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गयी हो, मैंने भी हां बोल दिया और मैं माँ और बेटी के बीच वाली सीट पर बैठ गया.
रात के करीब 9 बज रहे थे. कुछ देर बाद ही ट्रेन चल दी और शबाना गाना सुनने में लग गई. मेरा मन तो कर रहा था कि अभी ही शबाना को किस कर लूँ, पर क्या करता. बहुत सारे लोग जो आसपास बैठे हुए थे. बस रगड़ सुख से ही लंड को समझा रहा था कि भोसड़ी के चुप हो जा.
रात के करीब 11 बजे तक लगभग सभी लोग सो गए. शबाना की माँ भी सो गई थी. मैंने शबाना की तरफ देखा कि क्या वो भी सो गई है.. उसकी आँखें बंद थीं. कसम से इस वक्त वो लौंडिया किसी परी से कम नहीं लग रही थी. उसके होंठ ऐसे लग रहे थे कि किसी कमल के फूल की पंखुरियां हों और उसके गाल मखमल की तरह सुर्ख लाल से थे.
मेरा तो लंड उसे आँखें मूंदे हुए देखते ही खड़ा होने लगा. मैं अभी सोच ही रहा था कि कैसे चैक करूँ कि ये सो रही है या गाने सुन रही है कि तभी शबाना का सिर मेरे कंधे पर आ कर टिक गया. मेरा तो जैसे ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा कि एक परी मेरे कंधे पर सिर रखे हुए है.
मैंने देखने की कोशिश की कि क्या वो गहरी नींद में है या नहीं, वो सच में सोई हुए थी. तभी मेरी नज़र उसके कुंवारे चुचों पर चली गयी. उसकी शर्ट के ऊपर से गले की गहराई से उसके मम्मे एकदम मखमल से लग रहे थे. उसकी शर्ट का एक बटन खुल जाने से इस वक्त उसके खजाने को दिखा रहा था. दूध घाटी मेरे लंड को भड़का रही थी.
मैंने सोचा कि हाथ डाल कर इसके निप्पल पकड़ कर देखता हूँ, अगर ये जाग गयी तो मैं सोने का बहाना बना दूँगा. इस बहाने कम से कम चुचे तो छूने को मिल जाएंगे. फिर मैंने कोशिश करके उसके ऊपर की तरफ से हाथ डाल कर खिड़की की तरफ वाले बूब पर अपना हाथ रख दिया. मेरे इस कदम से वो नींद से नहीं जागी. शायद वो गहरी नींद में सो रही थी. इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गयी और मैंने उसके बूब्स को दबा कर देखा.. आह.. क्या मस्त बूब्स थे.
मेरा लंड पैंट के अन्दर ही झटके मारने लगा. मेरा मन कर रहा था कि चोद दो साली को अभी.. पर गांड भी फट रही थी क्योंकि बहुत लोग थे वहां पर.. तो मन मार कर चुप ही रहना पड़ा.
उसके चुचे बहुत ही टाइट थे, जिसे दबाने पर मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं करीब 15 मिनट तक उसके मम्मों से खेला होऊँगा, तभी मुझे लगा कि शबाना की नींद खुलने वाली है.. और हुआ भी यही.
थोड़ी देर बाद उसकी आंख खुल गई और वो मुझे देखने लगी. थोड़ी देर देखने के बाद वो मुस्कुराई और मुझसे बाथरूम में जाने को बोल कर वो चली गयी.
मैं उसका समझ गया कि वो मुझे इन्वाइट कर गई है. मैं भी मौका पाकर उसके पीछे चला गया. वो बाथरूम के अन्दर चली गई. मैं सोच रहा था कि क्या दरवाजा अन्दर से लॉक होगा?
फिर मैंने सोचा अगर खुला होगा तो सीधा अन्दर चला जाऊंगा, जो होगा देखा जाएगा.
मैंने डोर पर हाथ मारा तो वो खुला हुआ था. मैं सीधा अन्दर चला गया.. जहां शबाना मेरा इंतजार कर रही थी. जैसे ही मैं उसके सामने आया, उसने एक ज़ोर का कंटाप मेरे मुँह पर मारा और पूछा- क्या कर रहे थे वहां पर?
मैं एकदम से डर गया और उसको सॉरी बोलने लगा.
शबाना कुछ देर तक मुझको देखती रही, फिर उसने पूछा- क्या करना है तुझे..? चल जो भी करना है, जल्दी कर.. समझा, नहीं तो लोग जाग जाएंगे.
मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ?