माँ बेटा सेक्स की गंदी कहानी में पढ़ें कि कैसे मैं अपने दो जवान बेटों से चुद गई. असल में मेरा तलाक हो चुका था और तब से मैं चुदी नहीं थी. अपनी वासना शांत करने के लिए मैंने …
दोस्तो मैं समिता, आज अन्तर्वासना के इस मशहूर पटल पर आपको अपनी माँ बेटा सेक्स की सच्ची कहानी बता रही हूँ.
इस माँ बेटा सेक्स कहानी में मैं आपके सामने ये स्वीकार करते हुए बताना चाहती हूँ कि मैं अपने ही बेटों से कैसे चुद गई.
सबसे पहले मैं आपको अपने जिस्म के बारे में लिख रही हूँ. मेरा फिगर साइज 32-36-32 का है. मेरा अपने पति से तलाक हो गया था, तलाक हो जाने के बाद से किसी ने भी मुझे चोदा नहीं था. इसी लिए मैं किसी से भी चुदने के लिए बहुत प्यासी थी.
मेरे बेटे मेरे साथ नहीं रहते थे. मेरे 2 बेटे हैं, एक का नाम सैम है, उसका लंड बहुत मोटा और 8 इंच लंबा है. एक बार मैंने उसके लंड को बाथरूम में उसके नहाते समय देख लिया था.
मेरे तलाक के बाद मैं अपने बेटों से मिलती थी. पर जब एक दिन मेरे घर में मैंने सैम को मेरी पैंटी को हाथ में लेकर मुठ मारते देखा, तब मुझे माँ बेटा सेक्स का विचार आया कि क्यों ना मैं अपने बेटे से ही चुद लूं. जब भी वो मेरे घर आता, मैं उस पर निगाह रखने लगी. वो मुझे वासना भरी नजरों से देखता था.
कुछ दिन बाद मैंने एक दिन अपने बेटे सैम को अपने घर खाने पर बुलाया और उस दिन मैंने एक सेक्सी ट्रांसपेरेंट साड़ी पहन ली.
उस दिन वो जैसे ही घर आया, मुझे देख कर उसका लंड खड़ा हो गया.
मैंने मौका देख कर उसके सामने गिर जाने का नाटक किया. मैं गिरते समय जोर से चीखी- ओ गॉड मैं मर गई.
वो लपक मेरे करीब आया और उसने मुझे मेरी कमर में हाथ डाल कर उठाया. मैं जानबूझकर उसकी बांहों में झूल गई.
मैंने उससे कराहते हुए कहा- मुझे बिस्तर पर ले चलो.
उसने भी मेरे जिस्म को अपनी मजबूत भुजाओं में उठा लिया और कमरे की तरफ ले जाने लगा. मैंने महसूस किया कि उसके हाथ मेरे दूध दबाने का मजा ले रहे थे.
मैंने भी देर न करते हुए उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे प्यार से चूमने लगी. वो भी मेरी कारस्तानी समझ गया और मेरे होंठों का रस पीने लगा. उसने मुझे गोद में लिए ही खूब चूमा. मेरे मम्मे मसले.
कोई 10 मिनट के बाद उसने मुझे बिस्तर पर गिराते हुए मेरे कपड़े उतार दिए और मेरे मम्मों को चूसने लगा. मैं चुदास से पागल मादक सिसकारियां ले रही थी- आह आह ओह!
कुछ देर बाद मैं उसके कपड़े उतारने लगी. मैंने जैसे ही उसकी पैंट हटाई, उसका 8 इंच का मोटा लंड मेरे सामने हवा में झूमने लगा था. मैं उसके लंड को मुँह में लेकर जोर जोर से चूसने लगी. मुझे लंड चूसने में बहुत मजा आ रहा था. कुछ देर बाद वह मेरे मुँह में ही झड़ गया. मैं उसके लंड का सारा पानी पी गयी.
झड़ने के कुछ पल बाद उसने मुझे सीधा लेटाया और मेरी चूत को चाटने लगा. अब मैं जोर जोर से सिसकारियां ले रही रही थी- अहह अंह … ओह … उंहह … और चूसो … मेरे बेटे … आह इतने दिन से तुझे क्यों नहीं पा सकी … आंह.
वो भी मुझे चूमता हुआ कह रहा था- न जाने कबसे आपको चोदने की लालसा लिए मैं मरा जा रहा था.
उसने मेरी चूत को इतने मस्त तरीके से चूसा कि मैं 10 मिनट में ही झड़ गई.
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैंने उसके लंड को हिलाते हुए फिर से खड़ा किया और उससे कहने लगी- चोद दे बेटा आज अपनी इस चुदासी माँ को चोद दे … मुझे अपनी रखैल बना ले.
उसने कहा- जरूर माँ … अब आज से तुझे कभी लंड की कमी नहीं सताएगी.
मेरे बेटे ने मुझे चित लिटाया और अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा. मैंने उसके लंड के दहकते सुपारे को अपनी प्यासी चूत की फांकों में महसूस किया, तो मैं और भी ज्यादा उतावली हो गई.
मैं कहा- आह … बेटा … क्यों अपनी माँ को तड़पा रहा है … साले जल्दी से मादरचोद बन जा.
यह सुनते ही उसने अपना पूरा लंड एक ही बार में मेरी चूत के अन्दर पेल दिया. एकदम से लंड पेलने से मेरी तो मानो जान ही निकल गई थी. मैं चिल्लाने लगी- उम्म्ह … अहह … हय … ओह … मार दिया … आह बेटा … आराम से चोद … मैं कहां भाग रही हूं.
उसने मेरे मम्मों को चूसना शुरू कर दिया और धीरे धीरे चोदना भी चालू रखा. कुछ ही देर में मेरी चूत ने मेरे बेटे के लंड को जज्ब कर लिया था और रस छोड़ने लगी थी. इससे मुझे उसके मोटे लंड से मजा आने लगा था.
सच में उसकी हर ठोकर से क्या मस्त मजा आ रहा था … मैं उस मजे को जितना भी चाहूँ, लिख ही नहीं सकती. उसके लगातार लंड के प्रहार मुझे मदहोश किये जा रहे थे. मैं भी जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी.
कोई दस मिनट चूत चोदने के बाद उसने मुझसे घोड़ी बनने को बोला. वो लंड निकाल कर बिस्तर के नीचे खड़ा हो गया.
मैं लंड की भूखी झट से उसकी तरफ अपनी गांड करते हुए घोड़ी बन गई. उसने दूसरे ही पल पीछे से मेरी चूत में लंड पेल दिया. सैम का लंड चूत में घुसते ही मुझे मजा आने लगा. उसने मुझे चोदना चालू कर दिया. वो मेरी गांड में अंगूठा करते हुए मेरी चूत चोद रहा था. साथ ही वो मेरे चूतड़ों पर अपने हाथ से तबला सा बजा बजा बजा कर मुझे चोद रहा था.
कोई 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं पस्त हो गई और झड़ गयी. वह भी मेरी चूत के गर्म पानी से पिघल जाने के लिए बेचैन हो गया और झड़ने वाला हो गया था.
उसने मेरे दूध मसलते हुए पूछा- माँ माल कहां लोगी?
मैंने अपनी गांड को उसके लंड पर हिलाते हुए कहा- आह … मेरी चूत के अन्दर ही निकाल दो बेटा.
इतना सुनते ही वो मेरे अन्दर ही झड़ गया.
हम दोनों तृप्त हो गए थे और बहुत ज्यादा थक गए थे. हम दोनों थक कर एक दूसरे के ऊपर ढेर हो गए और सो गए.
रात भी गहरा गई थी. हम दोनों नंगे ही बिस्तर में पड़े थे. आधी रात में मुझे महसूस हुआ कि कोई मुझे चोद रहा है. मैं भी समझ गई कि सैम अपने लंड को मेरी चूत में डाल कर मुझे चोद रहा है … मैं भी सोये हुए ही उसके लंड के मजे लेने लगी.
वो भी समझ गया था कि मैं जाग गई हूँ, उसने मुझसे कहा- माँ मैं तुम्हारी गांड मारना चाहता हूं.
उसकी ये बात सुनकर मेरी तो गांड फट रही थी क्योंकि आज तक किसी ने मेरी गांड नहीं मारी थी.
मैंने उसे कोई जवाब नहीं दिया.
उसने मेरे मौन को शायद मेरी स्वीकृति मान कर मुझे घोड़ी बना दिया. वो मेरे पीछे आ कर मेरी गांड में अपना लंड डालने लगा. पर गांड अनकट थी और लौड़ा मूसल जैसा था. पहली बार के प्रयास में उसका लंड मेरी गांड के अन्दर जा ही नहीं पाया.
मुझे भी दर्द होने लगा और मैं कराहने लगी. तभी उसने इधर उधर देखा. मैं समझ गई कि ये मेरी गांड मारे बिना नहीं मानेगा.
फिर मुझे भी इस उम्र में न जाने क्यों गांड मरवाने के सुख की लालसा भी होने लगी थी. मैंने उसकी नजरों को दिशा देते हुए उसे सामने इशारा किया. वो बगल में रखी टेबल पर तेल की बोतल उठा लाया. उसने बोतल में से थोड़ा सा तेल मेरी गांड पर टपकाया और उंगली की मदद से तेल को मेरी गांड में भर दिया. थोड़ा तेल उसने अपने खड़े लंड पर लगा लिया.
फिर मैंने खुद अपनी दो उंगलियां अपनी गांड में डाल कर गांड को ढीला किया. तब तक सैम ने भी अपने लंड को मेरी गांड में घुसाने लायक चिकना कर लिया था. उसने अपने मोटे लंड को मेरी गांड के छेद पर लगा कर अन्दर डालने का प्रयास किया और साथ में तेल की बोतल से तेल भी गिराने लगा.
उसका लंड चिकनाई के कारण मेरी गांड में घुस गया. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मुझे काफी दर्द हुआ, मेरी गांड के अन्दर से खून भी निकल आया था. पर तब भी मुझे आज अपने बेटे की ये चाहत पूरी करनी ही थी. मेरा बेटा बड़ी बेरहमी से मेरी गांड मार रहा था. मुझे बहुत दर्द हो रहा था. उसने अपना एक हाथ मेरे मुँह पर रख दिया था, जिससे मैं चिल्ला भी नहीं सकी.
कुछ देर में उसका पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया था और तेल की चिकनाई के कारण मेरी गांड ने भी उसके लंड को पसंद कर लिया था. अब मुझे भी मजा आ रहा था. मैं भी अपने चूतड़ हिला हिला कर गांड मरवा रही थी.
करीब 20 मिनट मेरी गांड मारने के बाद वह मेरी गांड के अन्दर ही झड़ गया. वो मेरी पीठ पर ही निढाल होकर गिर गया था. मैं भी उसके बोझ से दब कर पेट के बल बिस्तर पर पड़ी थी.
मैंने सर पीछे करके किस किया और कहा- मार ली मेरी गांड … अब मैं आज से तुम्हारी हो गई हूं … तुम जब चाहो तब अपनी इस माँ को चोद सकते हो.
वो मुस्कुरा दिया.
हम दोनों काफी थक गए थे, इसलिए जल्द ही सो गए.
सुबह हो गई थी. मैंने उठने का प्रयास किया, तो मुझे बेहद दर्द हो रहा था. मुझसे चला ही नहीं जा रहा था. सैम ने मुझे अपनी गोद उठाया और बाथरूम में ले गया. उसने मुझे फ्रेश होने दिया और फव्वारे के नीचे उसने वहीं मुझे फिर से चोद डाला.
वो मुझे चोद कर चला गया. मैं दो तीन दिन तक अपनी गांड की सिकाई करती रही और चूत में उंगली भी करती रही.
उसके बाद सैम मुझे चोदने नहीं आया तो एक दिन मैंने उसे फोन किया, तो मालूम हुआ कि वो कहीं बाहर गया था. फोन पर मेरा दूसरा बेटा, जिसका नाम रवि था. मैंने उसका लंड भी देखा हुआ था. उसका लंड सैम से भी एक इंच बड़ा था, मतलब उसका भी 9 इंच लम्बा और मोटा लंड था.