ताऊ ने बुआ की टांगों को अपने हाथों से थोड़ा और फैलाया और फिर तेज-तेज जोश भरे धक्के लगाने लगे. मैं हैरान था कि ताऊ जी इस उम्र में भी एक जवान प्यासी चूत की प्यास इतने अच्छे तरीके से बुझा रहे हैं. अगर मैं ताऊ की जगह होता तो कब का झड़ गया होता.
मैं ये सब बाहर खड़ा होकर देख रहा था. मैंने अपने लंड को अपनी पैंट के ऊपर से सहलाना शुरू कर दिया था. मन कर रहा था कि इनकी चुदाई को देख कर यहीं पर मुट्ठ मार लूं लेकिन किसी के आने का डर था इसलिए मैं बस चुदाई के नजारे के मजे ले रहा था.
कुछ देर तक ताऊ जी ने बुआ जी की मस्त चुदाई की और फिर ताऊ जी की सांस थोड़ी भारी हो गई तो वो बेड पर लेट गये. उसके बाद बुआ उठी और ताऊ जी के खड़े हुए लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी.
ताऊ जी नीचे लेटे हुए थे. बुआ ने ताऊ के लंड को एक-दो बार हिलाया और फिर उसको मुंह में लेकर चूसने लगी. ताऊ जी का लंड जबरदस्त टाइट था. फिर उन्होंने बुआ को उनके ऊपर आने को कहा तो बुआ मेरे ताऊ जी के खड़े लंड को हाथ में लेकर उनके लंड पर बैठते हुए लंड को चूत के मुंह पर सेट करने लगी.
लंड को चूत पर सेट करके बुआ ने अपना पूरा वजन ताऊ जी के लंड पर धीरे-धीरे छोड़ना शुरू कर दिया और ताऊ का लंड लेटे हुए ही बुआ की चूत में उतरने लगा. आह्ह … जब पूरा लंड चला गया तो बुआ के मुंह से एक आवाज निकली ‘स्सस … आआ …’
पूरा लंड चूत में लेकर बुआ ने ताऊ के लंड पर उछलना शुरू कर दिया. बुआ के चूचे भी हवा में उछल रहे थे. ताऊ जी ने बुआ की कमर को थाम लिया था और उनकी कमर को पकड़ कर वो उनकी चूत को अपने लंड पर धकेल रहे थे. फच-फच करता हुआ लंड बुआ की चूत चोद रहा था.
कुछ देर तक बुआ उनके लंड पर बैठ कर ऐसे ही उछलती रही. उसके बाद बुआ ने अपने चूचे ताऊ के मुंह पर ले जाकर रखते हुए उनकी छाती पर लेट गई. ताऊ जी बुआ के चूचों को चूसने लगे और पीछे से उनका लंड चूत को पेलता रहा.
बुआ भी अपनी गांड को चला-चला कर उनका लंड अपनी चूत में ले रही थी. कुछ देर दोनों ने इसी पोज में चुदाई की. फिर बुआ ने ताऊ के होंठों को चूसा काफी देर तक. चुदाई अभी रुकी हुई थी लेकिन उनका लंड चूत में ही था. इस विराम के बाद दोबारा से ताऊ ने उनकी चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया.
फिर ताऊ जी का माल निकलने की तैयारी पर आ गया था शायद इसलिए उन्होंने बुआ को नीचे लेटने के लिए कहा. अब बुआ नीचे आ गई थी और ताऊ जी उनकी टांगों को अपने हाथ में पकड़ कर अपने कंधों पर रखवा लिया और लंड को चूत पर सेट करके फिर से अंदर घुसा दिया.
अब ताऊ जी दोगुनी स्पीड से बुआ की चूत को चोदने लगे. उनके धक्के इस बार काफी दमदार लग रहे थे और बुआ की चूत में दर्द होने लगा था. वो पूरे जोश के साथ धक्का लगाते और पूरा लंड बुआ की चूत में घुस कर ताऊ की जांघें बुआ की जांघों से टकरा जाती और फट्ट की आवाज होती.
इसी तरह फट्ट-फट्ट की आवाज करते हुए ताऊ ने बुआ की चूत को पांच मिनट तक चोदा और फिर लंड को बाहर निकाल लिया. ताऊ जी घुटनों के बल हो गये और बुआ ताऊ जी के लंड के नीचे मुंह लाकर अपने होंठों को खोल कर बैठ गयी.
ताऊ जी ने अपने लंड को हिलाना शुरू किया और तेजी से लंड की मुट्ठ मारने लगे. बुआ जी मेरे ताऊ की गांड को पकड़ कर दबा रही थी और उनका माल बाहर निकलवाने में मदद कर रही थी.
दो मिनट तक तेजी से लंड को हिलाने के बाद ताऊ के मुंह से जोर की आह्ह निकली और मोटे लंड से वीर्य की पिचकारी बुआ के मुंह पर गिरने लगी. पिचकारी पर पिचकारी छूटने लगी और सारा माल बुआ के होंठों पर गिरने लगा. बुआ ने अपनी जीभ से सारा माल मुंह के अंदर कर लिया और फिर लंड को ही मुंह में भर लिया. ताऊ जी शांत हो गये.
पूरा लंड झाड़ने के बाद वो बुआ के ऊपर ही गिर गये. दो-तीन मिनट तक दोनों एक-दूसरे के ऊपर लेटे रहे. फिर उन्होंने अपने-अपने कपड़े पहन लिये और मैं वहां खिसक लिया.
इतनी मस्त चुदाई को देखने के बाद मेरे मन में सेक्स का तूफान सा उठ गया था. मैंने भी बाथरूम में जाकर बुआ और ताऊ जी की चुदाई के सीन को याद करके मुट्ठ मारनी शुरू कर दी. मैं तेजी से अपने लंड को हिलाने लगा. दो-तीन मिनट में ही मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी और मैं भी शांत हो गया.
उनकी चुदाई देखने के बाद मेरा मन भी सेक्स करने को मचल गया था. लेकिन मेरे पास चूत का कोई बंदोबस्त नहीं था. उसके बाद इसी तरह एक दिन और मैंने बुआ और ताऊ जी की मस्त चुदाई देखी. मुझे नहीं पता वो दोनों कब से इस तरह एक-दूसरे की प्यास बुझा रहे थे लेकिन दोनों के अंदर सेक्स जैसे कूट-कूट कर भरा हुआ है.
मेरी बुआ मेरे ताऊ के लंड की दीवानी सी लगी मुझे और ताऊ का मूसल लंड भी बुआ की चूत चोदने के लिए हमेशा तैयार मालूम होता था. उसके बाद मैं अपने घर वापस आ गया. लेकिन बुआ और ताऊ जी की वो चुदाई मुझे जब भी याद आती है मेरा लंड तन कर जैसे फटने को हो जाता है.
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