में रेजर लेकर बाथरूम में नहाने चला गया. वहां पर लंड को एकदम चिकना केला सा बनाना शुरू कर दिया.
इस घर में मैं और चाची एक ही रूम में ठहरे हुए थे, लेकिन अब मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई मुझे बाथरूम में बाहर दरवाजे से देख रहा है और कुछ देर के बाद मुझे ऐसा लगा कि वो शायद चाची ही हैं. लेकिन फिर भी मैंने अपने लंड की सफाई को लगातार जारी रखा और लंड की पूरी तरह से साफ सफाई होने के बाद मैंने सरसों का तेल लगाकर अपने लंड की मालिश कि और उसे पूरा 8 इंच लंबा और 2.5 इंच के आकार में ले आया. मैंने लंड को तानकर खड़ा कर दिया.
यह सब कुछ मेरी चाची छुपकर देख रही थीं और मेरे लंड का साईज़ देखकर मानो वो अब मेरे साथ सेक्स करने के लिए तड़प गईं. अब वो खुद ही अपनी चूत में उंगली करने लगीं और धीरे धीरे मोनिंग करने लगीं … इसका आभास मुझे तब हुआ, जब मैंने पानी को बंद कर दिया और उस आवाज़ को ध्यान से सुनने लगा. धीरे धीरे वो आवाज़ और भी तेज हो गई.
अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था. तभी अचानक से मैंने बाथरूम का दरवाजा एक ही झटके से पूरा खोला दिया. उस समय में पूरा नंगा था और फिर मैं बाहर खड़ी हुई चाची को देखकर एकदम हैरान रह गया, क्योंकि वो अपने एक हाथ से अपने मम्मों को दबा रही थीं और दूसरे हाथ से अपनी चूत में उंगली कर रही थीं.
चाची मुझे देखकर पहले तो सकपका गईं. लेकिन मैंने उनको अपनी बांहों में खींचा तो वो कहने लगीं- बस अब मुझे और मत तड़पाओ, अन्दर तो बहुत तेज़ी दिखा रहा था … फिर यहाँ पर इतना चुप क्यों हो गए हो? अब मेरी चूत की प्यास बुझा दो ना. इस लंड को देखकर मैं बस में ही तुमसे चुदवाने के सपने देखने लगी थी.
उनके मुँह से यह बात सुनकर मैं उनको लेकर बाहर कमरे में आ गया और उनको बेड पर ले आया. मैंने उनको बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी टांगें फैला कर चूत को चाटने लगा.
दोस्तो, मैं चाची की चूत का स्वाद आज भी नहीं भूल सकता हूँ. कुछ देर चुत चटाई के बाद वो उठ गईं. मैंने उनकी तरफ सवालिया निगाहों से देखा तो वो मुझे रुकने का इशारा करके चली गईं.
एक मिनट के बाद चाची मेरे लिए कुछ तेल जैसा लेकर आईं, जो कि शायद अंकल काम में लिया करते थे. चाची वो तेल मेरे लंड पर लगाने वाली थीं, जिससे मैं बहुत देर तक नहीं झड़ने वाला था. उन्होंने उसे मेरे लंड पर लगाकर मालिश की और लंड को एकदम टनटना दिया. अब मैं फिर से उनकी चूत को गीली करने के लिए चाटने लगा. लेकिन वो थोड़ी ही देर में झड़ गईं.
मैंने उनसे पूछा कि क्यों झड़ गईं … औरत तो इतनी जल्दी नहीं झड़ती है?
उन्होंने कहा- अगर तेरे जैसा कोई चूत चाटने वाला मिले तो मैं क्या कर सकती हूँ.
फिर मैंने उनकी चूत को और देर तक चाटा, जिससे वो फिर से चुदासी हो गईं. अब मैंने चुत के छेद पर लंड को रखकर एक ही धक्के में पूरा का पूरा लंड डाल दिया. उनकी आह निकल गई, इतना बड़ा लंड उनकी चुत में पहली बार गया था. मैं उन्हें ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो सीत्कार करने लगीं.
चाची कुछ ही देर में अपनी गांड उठा कर मुझसे कहने लगीं कि हाँ और ज़ोर से … मैं आज तुम्हारे लंड आह्ह्हह्ह को अपने अन्दर लेकर बहुत खुश हूँ … हाँ आईईई ईईइ … और ज़ोर से चोदो मुझे उह्ह्हह्ह माँ हाँ … और थोड़ा और अन्दर डालो.
मैं भी बहुत जोश में आकर जोरदार धक्के दे देकर उनकी चूत की चुदाई किए जा रहा था. काफी लम्बी और जबरदस्त चुदाई के बाद अब मैं झड़ने वाला था. मैंने उनसे कहा- चाची, मैं अब झड़ने वाला हूँ … बताओ अपना वीर्य कहाँ पर निकालूं?
उन्होंने झट से कहा- बेटा, मैं तुम्हारा वीर्य एक बार चखना चाहती हूँ.
फिर मैंने लंड को चूत से बाहर निकालकर चाची के मुँह में डाल दिया और अब वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं. उन्होंने मेरे लंड को बहुत देर तक मज़े लेकर चूसा और जब मैं झड़ा तो चाची मेरा सारा वीर्य भी पी गईं.
वीर्य के चटखारे लेते हुए चाची बोलीं- आख़िरकार तुमने आज मेरी प्यास बुझा ही दी. मैं कितने दिनों से इस दिन के लिए तरस रही थी. तुमने मुझे आज चोदकर मुझे बहुत मज़ा दिया और मुझे खुश कर दिया. मैं तुम्हारी चुदाई से बहुत खुश हूँ. आज से तुम मुझे कभी भी चोद सकते हो क्योंकि आज से मैं तुम्हारी हूँ.
मैंने चाची को चूम लिया और उस दिन हम दोनों ने चार बार चुदाई का मजा लिया. इसके बाद तो चाची और मुझे एक दूसरे को चोदे बिना चैन ही नहीं मिलता था. जब तक मैं उनके मायके के घर पर रहा, मैंने उनको बहुत बार चोदा और उनको अपनी चुदाई से संतुष्ट किया और उसके बाद मैंने उनको कई बार अपने घर पर भी चोदा और बहुत मज़े किए.
दोस्तो, यह थी मेरी चाची की सच्ची चुदाई की कहानी, आपको मजा आया या नहीं, प्लीज़ मेल कीजिएगा.