धीरे से मैंने उसके गाल पर किस किया, उसने कुछ नहीं कहा बल्कि इसके थोड़ी देर बाद उसने भी मेरे गाल पर किस किया।
अब मेरे से नहीं रुका गया, मैंने एक हाथ से उसका चेहरा अपनी तरफ घुमाते हुए उसके होंठों को अपने होंठों से जोड़ दिया और भयंकर तरीके से किस करना शुरू कर दिया।
किस करते हुए ही मैं उसकी पीठ पर हाथ फिराने लगा और धीरे धीरे एक एक हाथ को उसके बड़े बड़े दूध की तरफ लाने लगा और जब उसके बड़े बड़े दूध मेरे एक हाथ में नहीं आये तो मैंने जोर से ऊपर से उन्हें दबाना शुरू कर दिया जिससे वो पीछे साइड गिरने लगी और पूरी तरह बेड पर लेट गयी.
अब मैंने उसके दूध को दबाना शुरू किया और उसके गुदगुदे दूध दबाने से बहुत ज्यादा आनंद की अनुभूति हो रही थी। ये सब काम किस करते हुए ही चल रहे थे और अब उसने भी मुझे जोर जोर से किस करना शुरू कर दिया था, पहले केवल वो मेरा साथ दे रही थी पर अब वो मुझ पर हावी होने लगी थी।
ऐसा लग रहा था कि मुझसे ज्यादा इसको चुदाई की जल्दी है।
अब मैं उसको नंगी देखना चाहता था, मैंने उसके टॉप को उतार दिया उसकी लाल ब्रा में बड़े बड़े दूध पूरी तरह जकड़े हुए थे।
ब्रा खोलने के लिए मैं उसके पीछे हाथ ले गया तो उसने पीठ उचका कर खोलने का आमन्त्रण दिया पर एक दो प्रयास के बाद मुझसे ब्रा नहीं खुली तो उसने कहा- आज तक कभी किसी की ब्रा नहीं खोली?
तो मैंने कहा- नहीं!
और उसने अपनी ब्रा खुद से अलग कर दी, फिर से लेट गयी और मैंने उसके दूध को पीना शुरू कर दिया। उसके दूध पीने में बहुत मज़ा आ रहा था और दूसरा दूध एक हाथ से दबाये जा रहा था और अब उसकी सिसकारियाँ भी शुरू हो चुकी थी।
उसकी सिसकारियों ‘अहहा अहहा… अहहा अओ…’ या चिल्लाने से किसी को फर्क नहीं पड़ने वाला था क्योंकि मेरे फ्लैट से बाहर आवाज जाने का मतलब बहुत तेज चीखना है।
उसकी उम्म्ह… अहह… हय… याह अहहा अहहा… अहहा अओ… को सुन कर अब मैं और जोर जोर से उसके दूध चूसने लगा था। अब मैंने सोचा कि चोद भूमि के दर्शन किये जाए और उसकी जीन्स का बटन खोलने लगा और एक बार में पूरी उलटी जीन्स उतार दी।
उसकी दोनों जांघो के बीच एक त्रिकोण सा बना हुआ था जो मुझे चूत चाटने को लालयित कर रहा था। उसकी पैंटी ब्रा से मुझे कोई मोह नहीं था इसलिए तुरन्त ही पैंटी को उससे अलग किया और दोनों टांगें फैला कर उसके क्लाइटोरिस को रगड़ने लगा और एक हाथ से उसके दूध दबा रहा था.
थोड़ी देर के बाद मैंने अपनी जीभ से उसके क्लाइटोरिस को चाटना और रगड़ना शुरू कर दिया जिसका परिणाम उसकी सिसकारियों उम्म्ह… अहह… हय… याह…अहहा अहहा… अहहा अओ…से हुआ।
अब मेरे अंदर का राक्षस भी जाग चुका था और मैंने उसकी चूत को दांतों से काटना शुरू कर दिया और एक उंगली उसकी चूत के अंदर डाल के अंदर बाहर करने लगा।
उम्म्ह… अहह… हय… याह अहहा अहहा… अहहा अओ…
यह आईडिया मेरे दोस्त ने मुझे दिया था और उसका कहना था इस तरह करने से लड़कियों को बहुत मज़ा आता है।
अब मैं जोर जोर से काटना और चाटना कर रहा था और एक उंगली लगातार उसकी चूत में तेजी से अंदर बाहर हो रही थी। उसकी आवाजें अब और तेज हो चुकी थी जो मेरे कमरे के बाहर आसानी से सुनी जा सकती थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… चाट मेरे राजा… जोर से चाट… खा जा इसको साले चूतिया अहहा अहहा… अहहा अओ… फक मी…
जो मुझे और जोश दिला रहा था.
ऐसा लग रहा था कि ये अब झड़ जायेगी इतनी तेज तेज मेरा सिर वो अपनी चूत पर रगड़ने की कोशिश कर रही थी।
मैंने सोचा कि अब यही समय है भाई को बाहर लाने का क्योंकि मेरा मानना है कि सबसे पहली चुदाई में लड़की का संतुष्ट होना बहुत जरूरी है उसके बाद अपना देखो। मैंने उसके हाथ में अपना लण्ड दे दिया, वो धीरे धीरे हिलाने लगी.
मैंने मुंह में लेने को बोला तो नखरे करने लगी. मैंने भी सोचा कोई बात नहीं… पहली बार है, अगली बार इसके मुंह में ही निकालूँगा।
देर न करते हुए मैंने उसको उठाया और खुद लेट गया. अब वो मेरे ऊपर और मैं उसके नीचे था, दोनों के सारे कपड़े पहले ही अलग हो चुके थे, अब बस काण्ड होना बाकी था।
जैसे ही मैंने उसको अपने लण्ड पर बैठने का इशारा किया उसने मेरा लण्ड पकड़ के एक टांग दूसरी साइड करके लण्ड को चूत पर सेट किया और पच्च से बैठ गयी.
मेरी तो जान निकल गयी क्योंकि जो लण्ड के ऊपर जो खाल थी, वो अचानक से नीचे रगड़ खाते हुए निकली… मैंने उसको बाहर निकालने को बोला और फिर से बैठने को कहा।
पर मैंने सोचा कि जब मुझे इतना दर्द हुआ तो इसको क्यों कुछ नहीं हुआ.
बाद में उसने बताया कि बाथरूम किस वाली रात को उसने मार्कर यूज़ किया था और पहले भी कई बार वो मार्कर से मज़ा लेती रहती थी और पोर्न फ़िल्म भी बहुत देखती थी।
अब हमारी चुदाई शुरू हो चुकी थी, धीरे धीरे स्पीड तेज होती गयी, उसकी आवाजें भी चुदाई के साथ तेज होती गयी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… फक मी!
और एक समय के बाद उसने मेरे ऊपर करने से मना कर दिया।
अब मेरी बारी थी, जैसा मैंने सोचा था अब उसे कुतिया बना के चोदना जरूरी था और मुझे असली मज़ा भी बाल पकड़ के कुतिया पोजीशन में आता है।
उसको झुकने का इशारा करते ही उसने पोजीशन सम्भाल ली और इतराते हुए गांड दिखाने लगी। अब मैंने अपने लण्ड को सेट करते हुए चूत में डाल दिया और अब तेज तेज धक्के मारने लगा. पूरे कमरे में पट पट की आवाज आने लगी जो उसकी गांड और मेरी जांघों से टकरा कर निकल रही थी.
अब मैंने और स्पीड तेज करते हुए उसके बालों को इकठ्ठा कर एक हाथ में ले लिया और घोड़ी की तरह हांकते हुए चोदने लगा और एक हाथ से थोड़ा झुक कर उसका एक दूध हाथ में लेकर उसके निप्पल मसलने लगा।
ये पोजीशन मेरी फेवरेट पोजीशन है।
पट पट की आवाजें और तेज होती गयी जिसके साथ उसकी आवाजें भी तेज होती गयी- अहहा अहहा… अहहा अओ… फक मी… जोर से चोद डालो ना… दे लण्ड… फ़ोड़ दो चूत को… माईईइ रे… आह्ह्ह… ऊईईईइ
और उसने मुझे अब कस के अपने हाठों से जकड़ लिया और जोर जोर से आवाज करते हुए अकड़ने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आई मर गई… मैं गई… अरे रे… चुद गई… वो… वो… निकला… हाय रे… माऽऽऽऽ
वो झड़ गयी थी।
मुझे लगा अब जल्दी से अपना काम खत्म करना चाहये और मैंने उसके क्लासिक पोजीशन में लिटा दिया और उसने बिना मेरे कहे अपनी टाँगें फैला दी और फिर से एक बार चुदाई शुरू हुई. इस बार मैं उसे अपने सीने से उसके दूध दबाये हुए और कस कर जकड़े हुए चोद रहा था।
3-4 मिनट ही हुआ होगा क्लासिक में चोदते हुए… अब मैं छूटने वाला था, मैंने उसको बिना पूछे ही उसकी चूत में अपना लावा निकाल दिया और मेरी पकड़ उस पर से ढीली होने लगी. मैं उसके ऊपर ही लेट गया, उसने भी मुझे कस के अपनी बांहों में ले लिया।
घड़ी में देखा तो 5 बज चुके, अब उसे अपने घर जाने की जल्दी होने लगी… अगली बार मिलने का वादा करके वो चली गयी।
और उसके बाद कई बार मैंने उसकी चुदाई की और गांड भी मारी। अब वो मुझसे ब्रेकअप करके अलग हो गयी है। अब मैं नई चूत की तलाश में घूम रहा हूँ।
कैसी लगी मेरी गर्लफ्रेंड की चुदाई कहानी?
आपके मेल का मुझे इंतज़ार रहेगा।