कुछ देर तक ऐसा ही खेल खेलने के बाद भाभी ने कहा- जनाब, अकेले ही नंगे पड़े रह कर मजा लेते रहोगे या किसी और की तरफ भी ध्यान दोगे?
मैं भाभी के ऊपर आ गया और उनके कमीज को ऊपर करते हुए उनको ब्रा में छोड़ दिया. मैंने भाभी के पेट को चूमा और फिर ब्रा पर झपट पड़ा. मैंने भाभी की ब्रा को लगभग फाड़ ही दिया था. लेकिन भाभी ने मेरे हाथ रोक लिये और मैंने आराम से उसकी ब्रा को उसके चूचों से अलग कर दिया.
भाभी के चूचे मेरे सामने नंगे हो गये थे. मैं चूचों को चूसने लगा और उसके मोटे-मोटे निप्पलों को काटने लगा. भाभी मस्ती में सिसकारी लेने लगी. मैंने दांतों का दबाव थोड़ा सा और बढ़ाया तो भाभी ने मेरे बालों को नोंच लिया. मैंने भाभी के निप्पलों को काट-काट कर लाल कर दिया.
उसके बाद मैं भाभी के चूचों को दबाते हुए नीचे की तरफ उनकी नाभि की तरफ बढ़ा. मैंने भाभी की नाभि में जीभ घुसा दी. यूं तो उसके पेट पर काफी चर्बी थी मगर भाभी के साथ मैं इतना गर्म हो चुका था मेरा इन सब बातों पर ध्यान नहीं जा रहा था. कुछ देर तक मैं भाभी की नाभि में जीभ को घुमाता रहा.
फिर मैंने भाभी की सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी चूत से पैंटी को सरकाते हुए उसकी जांघों को नंगी कर दिया. भाभी की चूत ने पानी छोड़ कर उसकी चूत को आस-पास के एरिया से गीला कर दिया था. पहले मैं चूत बाहर निकल रहे पानी को चाटा तो मजा सा आया. फिर मैं भी भाभी की चूत के आस-पास वाले एरिया को किस करने लगा. कभी उसके बालों को चूस लेता तो कभी उसकी चूत की फांकों को दांतों से पकड़ कर खींच लेता.
भाभी कसमसा कर रह जाती थी. उसकी चूत से अजीब सी खुशबू आ रही थी जो मुझे अच्छी लग रही थी. मैंने भाभी की चूत में उंगली करनी शुरू कर दी. भाभी सिसयाने लगी. स्स्स् … आ… राजा … बस करो … मत करो ऐसे अपनी भाभी के साथ. क्यूं तड़पा रहे हो मुझे मेरे जानू … मगर भाभी की चूत में उंगली करके मैं भाभी को तड़पाने का आनंद लेता रहा. भाभी ने कुछ देर तो मुझसे मिन्नतें कीं लेकिन जब मैंने उसकी बात नहीं मानी तो उसने मेरे गाल पर एक चांटा जड़ दिया.
बोली- हरामी, आज ही जान निकालेगा क्या मेरी चूत को चाट कर. इसको चोद भी दे अब.
फिर मुझे भी भाभी की चूत पर गुस्सा आ गया.
मैंने अपनी गर्म जीभ भाभी की जलती हुई भट्टी में रख कर अंदर घुसा दी तो भाभी सिहर उठी. उसने मेरे मुंह को अपनी चूत में घुसाने के लिए पूरा जोर लगा दिया. मेरी नाक से सांस लेने में भी मुझे परेशानी होने लगी लेकिन भाभी ने कस कर मुझे दबाया हुआ था. मैंने भाभी की चूत में जीभ को अंदर-बाहर करना चालू रखा. मैंने जोर लगाकर खुद को भाभी के हाथों के चंगुल से छुड़वाया तो मेरी सांस फूल गई थी. उसकी चूत की गुफा में बहुत अंधेरा था मगर उसको चाट कर जो नमकीन स्वाद आया उसका मजा भी अलग ही था.
मेरा लौड़ा भी पूरे ताव में था और भाभी की चूत भी पूरी गर्म हो चुकी थी. दोनों के बदन नंगे थे और अब चुदाई के लिए पल भर का इंतजार भी नहीं हो पा रहा था. भाभी बार-बार मुझे अपने ऊपर खींच रही थी. मैं भाभी की बेचैनी समझ रहा था और मेरी हालत भी कुछ ऐसी ही थी.
मैंने अपने गर्म लंड को भाभी की भट्टी में घुसा दिया और उसके चूचों को अपने हाथ में भर उसकी चूत को पेलने लगा. भाभी गांड उठा उठा कर मेरा लंड लेने लगी. धक्के दोनों तरफ से बराबर के लगने लगे. आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआह … करते हुए हम दोनों ही चुदाई का मजा लेने लगे.
पहली बार जब भाभी को शादी वाले दिन चोदा था तो इतना मजा नहीं आया था मगर आज जब भाभी पूरी नंगी थी और मैं भी पूरा नंगा था तो चुदाई का मजा भी अलग ही आ रहा था. मैं जोर जोर से भाभी की चूत को पेलने में लगा हुआ था और भाभी भी अपनी चूत को उछाल-उछाल कर मेरे लंड का पूरा जोश निचोड़ने की कोशिश कर रही थी.
दस मिनट में ही इस गर्मागर्म चुदाई का क्लाइमेक्स करीब आ पहुंचा. मेरे लौड़े से लावा फूटने को था मगर भाभी के बारे में अभी कुछ नहीं पता नहीं लग रहा था कि उसकी चूत का फव्वारा अभी कितनी देर में बाहर आकर गिरेगा. मैंने भाभी की चूत को चोदना जारी रखा.
उसकी सिसकारियाँ हर पल बढ़ती जा रही थीं. इधर मेरे लंड के अंदर वीर्य को रोके हुए बुरा हाल हो चुका था और वो किसी भी पल बाहर आकर भाभी की चूत में भरने के अंदर ही अंदर लहर बनकर उछल रहा था. मैंने पूरी ताकत से भाभी की चूत में दो धक्के लगाए और मेरा वीर्य उछल कर बाहर आने लगा.
जैसे ही मेरे लंड से पहली पिचकारी निकली भाभी की चूत ने भी अपना फव्वारा छोड़ना शुरू कर दिया. आह … होह्… हम्म … आह्ह्ह्ह … करते हुए हम दोनों ही झड़ने लगे. भाभी दो मिनट में ही ढीली पड़ने लगी और मैं भी भाभी की चूत में अपना लावा उड़ेल कर उसके ऊपर गिर पड़ा. मजा आ गया दोस्तो.
उस दिन भाभी को मैंने रात भर नंगी करके ही चोदा. हमारी चुदाई के चार राउंड हुए. चारों ही राउंड में भाभी का जोश देखने लायक था. उसकी चूत मेरे लंड के रस को हर बार अपने अंदर ही पी जाती थी. लगता था कि भाभी चूत बहुत दिनों से प्यासी थी. मैं भी उसको चोद कर बिल्कुल खाली हो गया था.
फिर उसके बाद मैंने भाभी की गांड भी मारी लेकिन वह कहानी मैं आपको फिर कभी बताऊंगा.
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मैं जल्दी ही सेक्सी भाभी की गांड चुदाई की कहानी लेकर फिर से वापस आऊंगा. तब तक के लिए आप चूतों का रस पीते रहिये और गर्मी की प्यास बुझाते रहिये.