पास जाकर मैंने उनको उठाया और उनको सारी बात बताई. मैंने उनसे कहा कि जल्दी से चुदाई शुरू कर दो.
उसके बाद मैं जल्दी से ऊपर गया और मां के पास पहुंच गया. फिर मैं मां के साथ नीचे आने लगा.
उस वक्त मेरी बीवी लवली अपनी चूत को पापा से चुसवा रही थी और बोल रही थी- अब तो आप मुझे चोद ही चुके हैं. हमारा ये रिश्ता अब आगे बढ़ना चाहिए पापा.
मैं और मां ये सब सुन रहे थे.
मैंने मां से कहा- देख लिया मम्मी? मैंने कहा था कि कुछ गलत नहीं हुआ है, जो होता है वो सही होता है.
इतना बोल कर मैं मां को किस करने लगा. फिर मैं मां को ऊपर ले गया और लवली के रूम से सिंदूर लाया और मां की मांग में भर दिया. मां कुछ समझ नहीं पा रही थी कि ये सब हो क्या रहा है.
उसके बाद मैं फिर से उनको उठा कर अपने रूम में ले आया और फिर से उनको नंगी कर लिया.
मैं बोला- आज से आप मेरी भी पत्नी हो गयी हैं. जितना अधिकार पापा का आप पर है उतना ही अधिकार मेरा भी है. अब मैं रोज आपके साथ चुदाई करूंगा. अब लवली जाये पापा के पास.
मां बोली- मगर तुम्हारे पापा इस बात के लिए मान जायेंगे?
मैं बोला- पहले आप ये बताओ कि आपको मेरे साथ रहना है कि नहीं रहना है, उसके बाद पापा के बारे में सोचेंगे.
जवाब में मां बोली- हां रहना है. मगर इस बात के बारे में बाहर पता नहीं चलना चाहिए. मैं रोज तुम दोनों को चुदाई करते हुए देखा करती थी. उसके बाद मेरी चूत भी गर्म हो जाती थी और मैं तेरे पापा के पास जाती थी.
मगर तेरे पापा मुझे पूरा मजा नहीं देते थे. मुझे ऐसा लगता था कि जैसे वो किसी और की चूत चोद कर आये हों.
मैं समझ गया कि मम्मी जब खेत में जाती थी तो मैं और पापा लवली को रगड़ रगड़ कर खूब चोदा करते थे.
फिर मैंने मां से कहा- ये सब कल क्लियर हो जायेगा. अब आप मेरे साथ रहना.
मां बोली- ठीक है.
फिर मैं मां की चूचियों को दबाते हुए बोला- पहले जब मैं छोटा था तो अपने पेट की भूख मिटाने के लिए आपकी चूचियों को पी लेता था. मगर आज मैं तन की भूख मिटाने के लिए इनको पी रहा हूं.
मां बोली- पहले भी ये तुम्हारी थी और आज भी तुम्हारी ही है, जितनी बार चाहे पी लो. जब तेरा बाप ही किसी और की चूत को चाट रहा है तो फिर उसको भी पता चलना चाहिए कि मैं भी किसी और का लंड मुंह में लेकर चूसती हूं. जैसे को तैसा जवाब मिलना ही चाहिए.
मां बोली- अब एक बात तुम भी ध्यान से सुनो. कल जब ये सब बात होगी तो तुम अपने बाप से मुझे मांग लेना नहीं तो मैं तुम्हारे साथ नहीं रह पाऊंगी. तुम हिम्मत रखना और घबराना नहीं क्योंकि पहले शुरूआत उन्होंने ही की है. उनको लड़की और औरत में फर्क नहीं पता है कि लड़की चोद रहा हूं कि औरत। दूसरी बात अगर तुमको यह अफसोस है कि तुम्हें ज्यादा उम्र की औरत मिली है और तेरा बाप एक कम उम्र की लवंडी का मालिक हो गया है तो अभी से बोल देना मुझे.
मां की चूचियों को दबाते हुए मैंने कहा- लवली तुम्हारे आगे कुछ नहीं लगती मुझे. तुम आज भी हजारों महिलाओं में से एक हो. मगर पापा तो लवली को नशा उतरने के बाद भी चोदते रहे.
वो बोली- हां, मुझे पहले ही इस बात का शक था. जब मैंने उनसे तुम लोगों की चुदाई की बात कही तो भी वो कुछ नहीं बोल रहे थे बल्कि सपोर्ट कर रहे थे तुम दोनों का ही. शायद वो एक चूत को चोद चोद कर ऊब गये थे. उनको नयी चूत मिल गयी थी. नयी चूत मिलने के बाद पुरानी को कौन पूछता है. दूसरी बात ये कि लवली भी एक नम्बर की रंडी है. ये जो कुछ भी हुआ है ये सब उसी की देन है.
मैं बोला- अब ये सब बातें छोड़ो. इसके बारे में सुबह बात करेंगे. सुबह मैं सब क्लियर कर दूंगा. फिर सब ठीक हो जायेगा.
उसके बाद मैं मां की चूचियों को दबाने लगा और अपने होंठों को उनके होंठों पर रख कर चूसने लगा और मां मेरे लन्ड को पकड़ कर हिलाने लगी.
पूरे जोश में हम दोनों आनंद लेने लगे. कुछ देर बाद मैं अपने सिर को मम्मी की चूत में घुसाने लगा और मम्मी को ऊपर करके चूत को चाटने लगा.
मम्मी अपनी गांड को हिलाने लगी और कहने लगी- बेटा, अपनी मां को ऐसे चोद कि वो तेरे बाप सुरेश की चुदाई को भूल जाये और इस चूत को तेरे लंड की आदत हो जाये.
ये बात सुनकर मैं मां की चूत को जोर से चाटने और चूसने लगा. मां मेरे सिर को पकड़ कर चूत में दबा रही थी. कुछ देर बाद मैं उठा और शहद लेकर आया. मैंने शहद को मम्मी की चूत में लगाया और चाटने लगा. 5-6 बार लगा कर चाटा और इस दौरान मम्मी दो बार झड़ गई.
अब मैं अपने लन्ड को मां की चूत में डाल कर हिलाने लगा.
मां बोल रही थी- अपनी मां को चोदकर मां बना दो बेटा. चोद. चोद मुझे. चोद बेटा. आह्ह चोद बेटा. मेरी चूत का भोसड़ा कर दे आज.. चोद बेटा- बेटा चोद, मेरे मादरचोद बेटे, मुझे जोर से चोद रगड़ रगड़ कर.
मां की ऐसी बातों से मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया और फिर हम दोनों मां बेटा एक साथ झड़ गये. फिर हम दोनों थक कर सो गये. आज की रात बहुत कुछ बदल गया था. कल से एक नयी शुरूआत होने वाली थी.
सुबह मैं जल्दी उठ कर बाहर आ गया. लवली और पापा नंगे होकर चिपक कर सो रहे थे. मैंने लवली और पापा को जगाया और कहा कि मेरी बात को ध्यान से सुनो.
मैं बोला- हमारे बीच में जो भी प्लान बनाया गया था उसका पता मां को नहीं चलना चाहिए. तुम लोगों से मैं जो बात करने जा रहा हूं उसको ध्यान से सुनो और वैसा ही करना जैसे मैं कह रहा हूं.
लवली और पापा को समझाने के बाद मैं मां के पास जाकर चिपक कर सो गया. नींद खुली तो 7 बज गए थे.
मैंने मां को किस किया और कहा- रानी उठ जाओ अब.
मम्मी मुझे अपने ऊपर खींच कर किस करने लगी और बोली- मेरे राजा मन कर रहा है तुम्हारा लंड चूत में लेने के लिए.
ये सुनते ही मेरा लंड तन गया.
मैं बोला- अगर चूत की इच्छा है तो लौड़ा भी तैयार है.
मैं उनकी चूत को चूसने लगा और फिर जल्दी से उनकी चूत में लंड को सेट कर दिया और उनको जोर जोर से चोदने लगा.
मां के चेहरे पर संतुष्टि फैल गयी. वो मस्ती में गांड उठा उठा कर मेरे लंड से चुदने का मजा लेने में लग गयी. सुबह की चुदाई में मुझे भी अलग ही आनंद मिल रहा था. 10 मिनट की चुदाई में हम मां बेटा दोनों झड़ गये. मैं मां को बोला- अब उठ जाओ और नाश्ता कर लो.
फिर खाना खाने के बाद मैंने सब लोगों को रूम में बुलाया और कहने लगा- कल जो हुआ वह ठीक नहीं हुआ. ऐसे काम नहीं चल सकता है.
पापा और लवली दोनों एक दूसरे के चेहरे को देख रहे थे.
मैं पापा से बोला- आज के बाद लवली आपकी अमानत है और आपकी बीवी, मेरी मां अब मेरी अमानत है. आप लवली के साथ रहें और मैं अब मां के साथ रहूंगा.
पापा बोले- मैं तुम्हारी मम्मी की राय जानना चाहता हूं.
मम्मी बोली- जो आशीष कह रहे हैं वही फैसला मेरा भी है।
मैं बोला- लवली तुम बताओ ठीक है ना?
लवली अपना रंडीपन दिखाते हुए पापा का लन्ड पकड़ कर बोली- ठीक है.
मैं बोला- यह बात और यह फैसला घर की चारदीवारी के अंदर ही लागू है. बाहर समाज की नजरों में हम लोग वैसे ही रहेंगे जैसे कि अब तक रहते आये हैं.
सब लोग इस बात पर सहमत हो गये.
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी.
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