चाची का कामुकता भरा प्यार सिर्फ मेरे लिए – Part 2
अपनी सेक्सी चाची को बेड पर लिटाकर मैं टूट पड़ा उन पर … मेरून रंग की ब्रा और पेंटी मेरे बोलने पर ही उन्होंने उसी दिन खरीदकर पहनी थी।
अपनी सेक्सी चाची को बेड पर लिटाकर मैं टूट पड़ा उन पर … मेरून रंग की ब्रा और पेंटी मेरे बोलने पर ही उन्होंने उसी दिन खरीदकर पहनी थी।
पढ़ाई के लिए मैंने कमरा किराये पर लिया. मकान मालकिन भाभी मस्त माल थी. एक बार भैया कुछ दिनों के लिए बाहर गए तो मुझे ख्याल रखने को कह गए. भाभी ने मुझे कैसे पटाया?
उसने भी मेरे पेन्ट की बटन को खोल दिया और मेरे लंड को हिलाने लगी और बोली आपका औज़ार तो बहुत बड़ा है | मैंने इतना बड़ा सामान पहली बार देखा है और मेरे लंड को चूसने लगी और मै भी उसके ब्लाउज को उतार के उसके दूध को जम जम से चूसने लगा और उसकी साड़ी को भी उतार दिया | जब हम दोनी पूरे नंगे हो गये तो वो बोली कि आप अब से हरदम मेरी प्यास को बुझाओगे ना | मैंने बोल हां और वो मेरे पूरे अंग को चूमने लगी और मैं उसको टेबिल में बैठा के उसकी दोनों टांगो को आपने कंधे के ऊपर रख के उसकी अच्छी मोटी चौड़ी चूत को चाटने लगा और वो जम जम से सिसकारी ले रही थी | मैंने उसको घोड़ी बनाया और अपना मोटा लम्बा सा लंड उसकी चूत के उपर रख के घिसने लगा और धीरे से चूत के अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा | फिर मैंने अपनी तेजी को बढ़ाया और जब मैं उसको तरीके से चोदने लगा और वो जम जम से चुदवाने लगी तो वो बोली मुझे बहुत मजा आ रहा है | और जम जम से मुझे चोदो मैंने बोला आप आपनी टांगो को और थोडा सा चिप्कालो जब उसने आपनी टांगो को चिपका लिया तो मैंने उसे इस कदर का चोदा कि वो बोलने लगी बस करो और जोर जोर से चिल्लाने लगी |
Kamukta, मैं उम्र के 63 वर्ष में प्रवेश कर चुका था मुझे रिटायर हुए अभी 3 वर्ष ही हुए थे रिटायर होने के बाद मैं अपनी पत्नी हेमा के साथ अपने घर पर कुछ फुर्सत के पल बिताया करता क्योंकि हम दोनों को एक दूसरे के लिए कभी समय ही नहीं मिल पाया। जब मेरी हेमा से शादी हुई थी उस वक्त मेरी उम्र 21 वर्ष थी और हेमा की उम्र 20 वर्ष थी हेमा मुझसे 1 वर्ष छोटी थी। जब हम दोनों की शादी हो गई तो उसके बाद हेमा ने सारी जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर ले लिया कई बार वह मेरी मां की डांट भी खाया करती थी। उस वक्त हेमा समझदार ना थी और कहीं ना कहीं उसके अंदर बचपना तो था ही हेमा मुझे हमेशा कहती की आप घर का कितना ख्याल रखते हैं। घर में मैं ही एकलौता था इसलिए सारा दारोमदार मेरे ऊपर ही था मेरे पिताजी की मृत्यु बहुत ही जल्द हो गई थी।
दिस ईज़ माय रियल सेक्स स्टोरी. पहले मैं मेरे फॅमिली के बारे मे बता दू मेरी फॅमिली मुंबई (कल्याण) मे रहते हैं हम 2 भाई एक बहन हैं बड़े भाई सुजीत (30) के शादी हो गयी हैं वो अपनी बीबी के साथ अलग रूम लेकर रहते है. मैं (25ईयर ) मेरे पापा मम्मी और माय सिस्टर रूचि (22) 4 लोग साथ मे रहते है मेरा 2 बीएचके रूम हैं… मैं देसी कहानी पर सेक्स स्टोरी पिछले 2 साल से पढ़ रहा मुझे सबसे ज़्यादा बहन भाई की चुदाई की कहानी ही पसंद आती है बिकॉज़ मैं भी अपनी बहन के साथ ऐसा ही करना चाहता था जिसमे मैं पिछल 6 मंथ पहले सफल हुवा……
फिर मैंने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर आतिशा की चुत के ऊपर सैट किया और सुपारे को चूत की फांकों में फंसा कर अन्दर पेल दिया. उसकी हल्की सी आह निकली लेकिन मैं रुका नहीं और इसके बाद मैंने अपने लंड को उसकी चुत में एक हल्के से झटके के साथ अपनी कमर को हिलाया. मेरे ऐसा करने पर वो जोर से चिल्ला दी.
बीना ये सब देख कर उठी और अपनी जीन्स और टॉप उतार कर और अपने आपको मसलने लगी।
पढ़ाई करने के लिए मैं शहर गयी तो मौसी के घर रही. से हुई. मौसा के कम्प्यूटर से पता चला कि वो सेक्स के पारंगत विद्वान हैं. मेरी उफनती जवानी में परेशान कर रही चूत ने ठान लिया कि चूत का उद्घाटन होगा तो मौसा के लंड से ही. मौसा को मैंने कैसे अपने जाल में फांसा?
ससुराल में सास और बीवी की चुदाई के बाद भी मेरी चालू बीवी की चूत की प्यास शांत होने का नाम ही नहीं ले रही थी. मुझे उसके लिये एक नये लंड की तलाश करनी थी तो .
हाय दोस्तो, मेरा नाम रागिनी वर्मा है.. मैं 26 साल की हूँ और आज मेरा फिगर 32-30-34 का है.. बहुत से लड़के मुझ पर आज भी मरते हैं.. उस वक्त मेरा गोरा बदन.. 28-24-28 का मोहक फिगर.. उम्र 20 की थी, मेरा पूरा बदन भरा-पूरा था।
अब मैं उठा और मैंने रूम के बाहर जाकर देखा, बाहर कोई नहीं था. मैंने रूम को अन्दर से लॉक कर दिया. फिर उसके पास जाकर उसके कपड़े उतारने लगा. वो मना करने जैसे इशारा भी किये जा रही थी और अपने हाथ उठा कर अपने कपड़े भी उतरवाती जा रही थी. मैंने उसका टॉप लोअर उतार दिया. अन्दर उसने रेड कलर की ब्रा और पिंक कॉलर की पेंटी पहन रखी थी. मैंने भी झट से अपने लोअर और टी-शर्ट को उतार दिया.
बहन से शादी के बाद एक दिन मां ने हम भाई-बहन की चुदाई होते हुए हमें रंगे हाथ पकड़ लिया. मगर मेरी बहन के पास माँ का एक ऐसा राज था जिससे मां का गुस्सा हवा हो गया.
मेरा नाम करीम है, मैं कानपूर से हूँ, मैं कानपूर में अकेला रहता हूँ और गवर्नमेंट जॉब में हूँ। यह मेरी फर्स्ट सेक्स स्टोरी है। मुझे उम्मीद है कि यह कहानी आपको पसंद आएगी। दोस्तो, यह घटना आज से एक साल पहले की है।
अगली सुबह ताई मेरे साथ बिस्तर पर नंगी सो रही थी. मैंने उनकी चूचियों को छेड़ा तो वो जाग गयी. मेरा लंड टनटना रहा था.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रॉकी है, मेरी उम्र 32 वर्ष और मैं उदयपुर राजस्थान से हूँ। कभी कभी आपके हमारे जीवन में ऐसी घटनाएं घट जाती हैं जिनको हम कभी भुला नहीं पाते। कुछ ऐसा ही एक वाकया मेरी जिंदगी के साथ भी जुड़ा हुआ है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.
अजय भी शायद मुझे प्यार करने लगा था उसका प्यार एक तरफा ही था लेकिन मुझे इस बात की चिंता सता रही थी कि कहीं मेरे पिताजी और मां को इस बारे में पता ना चल जाए। गांव के माहौल में कभी भी इस बात की स्वीकार्यता नहीं थी इसलिए मैं काफी डरी हुई थी मैं और अजय ऐसे ही चोरी छुपे मिलने लगे थे। हम दोनों चलते चलते अपने गांव से थोड़ी दूरी पर निकल गए और वहां पर बैठकर हमने काफी देर तक एक दूसरे से बात की अजय के साथ बात कर के मुझे बहुत अच्छा लगा और मुझे ऐसा लगा कि जैसे अजय अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहता है। मैंने अजय से कहा तुम काफी मेहनती हो तुम जरूर अपने जीवन में आगे बढ़ोगे। अजय कहने लगा मेरी मां भी हमेशा यही कहती है और जब मुझे तुमसे बात करने का मौका मिला तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे तुम्हारे अंदर भी मेरी मां का कोई रूप छुपा हो तुम बिलकुल मेरी मां की तरह बात करती हो वह भी मुझे ऐसे ही समझाती रहती हैं और जिस प्रकार से तुम से मेरी मुलाकात हुई है वह भी किसी इत्तेफाक से कम नहीं है। मुझे भी अजय का साथ पाकर अच्छा लगा लेकिन जब अजय ने यह कहा कि मैं कल पटना लौट जाऊंगा तो मुझे यह बात हुई बुरी लगी। उस दिन मुझे अजय को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मै उसे अपनी बाहों में ले लू लेकिन मैं गांव की एक सीधी-सादी सी लड़की थी इसलिए मेरे अंदर इतनी हिम्मत ना थी परंतु अजय ने हिम्मत दिखाते हुए आखिरकार मुझे गले लगा लिया। जब अजय ने मुझे गले लगाया तो मेरे अंदर से उत्तेजना जागने लगी थी मेरे अंदर से एक करंट सा निकलने लगा। मैं अजय से गले मिलकर बहुत खुश थी जब अजय ने मेरे गुलाब जैसे होठों को अपने होठों से चुंबन किया तो मैं बिल्कुल रह ना सकी। मैंने अजय से कहा तुम मेरे होठों को बड़े अच्छे से चूम रहे हो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। हम दोनों पास के एक खेत में चले गए वहां कुछ दिखाई नहीं दे रहा था इसलिए हम दोनों ने खेत में जाकर एक दूसरे को काफी देर तक चुंबन किया जिससे कि हम दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो गए।
मैं कुछ दिनों पहले गुंजन से एक मॉल में मिला लेकिन उसने अपनी नजरें मुझसे बिल्कुल नहीं मिलाई वह नजर झुकाते हुए वहां से चली गई, गुंजन शायद अपने पति के साथ थी लेकिन उसने मेरी तरफ एक बार भी नहीं देखा मुझे ऐसा लगा कि जैसे गुंजन को अपनी गलती का कोई एहसास ही नहीं है परंतु मेरी भी अब शादी हो चुकी है और मुझे भी अब गुंजन से उतना ज्यादा फर्क नहीं पड़ता लेकिन जब भी मैं उसके बारे में सोचता हूं तो मुझे अपने पुराने दिन याद आ जाते हैं जब मैं उसे गांव में मिला था।
राजेश कहने लगा भैया आपने मेरे लिए इतना कुछ किया है पिताजी के देहांत के बाद आपने ही तो मुझे संभाला है, कंचन का नेचर हालांकि पहले से ज्यादा बदल चुका है और ना जाने उसे भाभी से क्या आपत्ति है लेकिन फिर भी मैं उन बातों को गौर नहीं करता। मैं भी वहीं बैठी हुई थी मैंने राजेश से कहा देखो राजेश मैं तुम्हें काफी समय से जानती हूं मैंने कभी भी तुम्हारे बारे में गलत नहीं सोचा, राजेश कहने लगा भाभी मैं आपके नेचर को जानता हूं आप बहुत ही अच्छी हैं, राजेश कहने लगा मैं इस बारे में कंचन से बात करता हूं और वह यह कहते हुए वहां से चला गया। राजेश ने कंचन को बहुत समझाया लेकिन वह बिल्कुल भी ना समझी मैंने भी सोचा मुझे अपना रंग दिखाना पड़ेगा। मैं राजेश को अपने बस में करना चाहती थी उसके लिए सिर्फ मेरे पास एक ही रास्ता था मुझे उसके साथ सेक्स करना जरूरी था। एक दिन मैं अपने कमरे में बैठी हुई थी राजेश मेरे पास आया और कहने लगा भाभी आप क्या कर रही हो। मैंने उसे कहा बस राजेश ऐसे ही बैठी हूं मैंने उसे कहा आओ मेरे पास बैठो। वह मेरे पास आकर बैठ गया जब वह मेरे पास आकर बैठा तो मैंने उससे बात करना शुरू कर दिया वह मुझे कोई भी जवाब नहीं दे रहा था लेकिन मुझे तो पता था कि मुझे उसके साथ सेक्स करना ही है।
माँ ने बिस्तर लगाया और मच्छरदानी लगा दी, ताकि हमें मच्छर ना काटें.
चयन बोला- ऐसा नहीं है … शायद तुम्हें पता नहीं है, लेकिन लड़के की गांड ज्यादा मज़ा देती है. चलो मैं तुम्हें बताता हूं.
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम. मैं लम्बे समय से अन्तर्वासना का पाठक हूँ और मैंने इस साइट पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं. कहानियों को पढ़कर मैंने खूब आनंद लिया है. इसलिए सोचा कि क्यों न मैं भी आपको अपने जीवन की एक ऐसी ही घटना से रूबरू करवाऊं. आज जो मैं कहानी आप लोगों को बताने जा रहा हूँ वह मेरे जीवन की पहली चुदाई की घटना है. मैं आशा करता हूं कि यह कहानी आप सभी को पसंद आएगी. अंतर्वासना की दुनिया एक ऐसी दुनिया है कि यहां बूढ़े भी अपना मनोरंजन कर सकते हैं. तो चलिए फिर हम अपनी कहानी की शुरूआत करते हैं.
आंटी ने फ्रेश होने के बाद नाइटी डाल ली और मैं बॉक्सर मे था आंटी टाइट नाइटी मे बोहोत ही सेक्सी लग रही थी और मैं उन पर टूट पड़ा हमने 2मिनट तक स्मूच किया फिर मैं उन के नाइटी को उतार दिया और ब्रा और पैंटी को भी मेरे सामने आंटी पहली बार नंगी हुई थी और वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी सो मैं उनका दूध पीने लगा एक बूब्स को दबा रहा था और दूसरे को चूसने लगा और साथ ही साथ उनकी चूत मे उंगली करने लगा जिससे वो और मदहोश हो गयी और मेरे बॉक्सर को उतारकर लंड को दबाने लगी और उन्होने मेरे लंड अपने मूह मे लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी और मैं उनके मूह मे झड़ गया और मैं उनकी चुत को चाटने लगा वो आअहह अहह कम सिड कम घुस जा मेरी चुत मे यह सब सुनकर मैं और जोश मे आ गया और उनका पूरा पानी पी गया फिर उन्होने कहा सिड बेबी अब अपनी आंटी को मत तडपा और मैने अपना लॅंड उनकी चुत मे रगड़ा और फिर उसमे धक्का लगाया पर उनकी चुत टाइट थी तो एक बार मे नही गया
अंकल ने मेरे नाल पकड लिए और मुझे ऊपर की और खिंच लिया. और वो मुझे किस करने लगे और एक ही ज़टके में उन्होंने मेरी टी शर्ट को उतार दिया. मेरी ब्रा भी निचे कर के वो मेरे बूब्स को चूसने लगे सेक्सी आवाजों के साथ. वो निपल्स को पिंच करते हुए मेरे बूब्स को मजे से लिक कर रहै थे.